नयी दिल्ली, तीन फरवरी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने श्रीराम जन्मभूमि और ताज महल समेत 50 ऐसे ‘धार्मिक स्थलों’ की पहचान की है जहां ‘‘बाल मजदूरी कतई बर्दाश्त नहीं’’ की नीति सुनिश्चित करने के लिए दखल दिया जाएगा।
एनसीपीसीआर ने एक बयान में कहा कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, मानव तस्करी विरोधी इकाई, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और धार्मिक न्यासों एवं समूहों की भागीदारी के साथ सहयोगपूर्ण तरीके से यह दिखल दिया जाएगा।
आयोग ने जिन स्थानों की पहचान की है उनमें बोध गया, खजुराहो, हाजी अली दरगाह, कुंभ मेला, ताज महल, ऋषिकेश और पुरी का जगन्नाथ मंदिर शामिल हैं।
एनसीपीसीआर ने बताया कि उसके संज्ञान में आया है कि धार्मिक स्थलों पर बच्चों के भिक्षा मांगने, बाल मजदूरी और बेसहारा बच्चे होने की स्थितियां होती हैं।
आयोग के मुताबिक, इस तरह की स्थितियां कई बाल अधिकार कानूनों की अनुपालना नहीं होने तथा कुछ अन्य कारणों के चलते पैदा होती हैं।
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