मुंबई: फिल्म 'द केरल स्टोरी' को लकर विवादों का सिलसिला लगातार जारी है। इस फिल्म को लेकर काफी मुखर रहे एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने मांग की है कि फिल्म के निर्माता को सरेआम फांसी दी जाए। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का केवल एक ही उद्देश्य है कि भारतीय समाज के ताने-बाने को तोड़ना है।
एनसीपी नेता आव्हाड ने कहा, "फिल्म 'द केरल स्टोरी' के निर्माता को इसलिए सार्वजनिक फांसी दी जानी चाहिए क्योंकि उन्होंने न केवल केरल की छवि खराब की है बल्कि उस राज्य की महिलाओं का भी घोर अपमान किया है।"
महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रहे जितेंद्र आव्हाड ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, "फिल्म के निर्माता ने दिखाया है कि केरल से 32,000 महिलाएं लापता हुईं और आतंकवादी समूह आईएसआईएस में शामिल हो गई हैं, लेकिन वास्तविक आंकड़ा तो महज तीन है। इससे पता चलता है कि फिल्म निर्माता की नीयत में खोट है और वो न केवल केरल बल्कि भारतीय महिलाओं के अतिवादी बताने की कोशिश कर रहे हैं।"
एनसीपी नेता ने कहा कि फिल्म 'द केरल स्टोरी' पूरी तरह से काल्पनिक और झूठ को प्रसारित करने वाली है। इस कारण से इसके अपराध का दोषी कोई और नहीं बल्कि फिल्म के निर्माता हैं। उन्होंने केरल का अपमान किया है, वहां की महिलाओं का अपमान किया है। इस कारण से उन्हें सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।
मालूम हो कि इससे पूर्व भी जितेंद्र आव्हाड ने बीते शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फिल्म "द केरल स्टोरी" की जमकर आलोचना की थी। आव्हाड ने कर्नाटक चुनाव में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ़िल्म के जिक्र किये जाने पर कहा था, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'द केरल स्टोरी' फ़िल्म के बारे में कर्नाटक में बोल रहे हैं। पिछले 8 सालों से इस तरह की खबरें आ रही थीं कि 30 हज़ार से ज़्यादा लड़कियां देश से बाहर चली गईं। मैं पूछना चाहता हूं कि पीएम मोदी और और केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां उस समय क्या कर रही थीं? अब चुनावों में फिल्मों के बारे में बात करके वोट मिलेंगे या चुनाव जीते जाएंगे क्या? अगर केरल में ऐसी घटना हुई है तो केंद्र सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए न कि राजनीति करना चाहिए।"