चंडीगढ़:पंजाब में भगवंत मान नीत सरकार उन किसानों के दबाव में है जो कुछ फसलों पर बोनस और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनकी 500 रुपए बोनस की मांग को मान लिया था, लेकिन कोई अधिसूचना जारी नहीं की। किसान बासमती और मूंग पर एमएसपी के लिए अधिसूचना की भी मांग कर रहे हैं।
किसानों ने मांग पूरी नहीं होने पर चंडीगढ़ में दिल्ली जैसा विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। मान के साथ उनकी मुलाकात नहीं होने के बाद किसानों ने राजधानी के लिए एक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि विरोध करना उनका अधिकार है लेकिन 'मुर्दाबाद-मुर्दाबाद' के नारे अच्छे नहीं लगते।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मान ने कहा कि मैं सब ठीक कर दूंगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि 2 महीने के बाद आप सोचने लगे कि 'मुर्दाबाद' के नारे नहीं लगे हैं, चलो चंडीगढ़ चलते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि मैं उनसे (किसानों) मिलने को तैयार हूं, लेकिन 'मुर्दाबाद' (नारा) रास्ता नहीं है। मैं खुद एक किसान का बेटा हूं। जब मैं कह रहा हूं कि बासमती और मूंग दाल एमएसपी पर होगी कम से कम प्रयास में लगाओ सब कुछ 'मुर्दाबाद' नहीं हो सकता।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू का इसपर बयान आया है। ऐसे में उन्होंने सीएम मान को लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने बुधवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि सीएम भगवंत मान जी आप अपने आईटी सेल से कहें कि वो अपने आपको थोड़ा शांत करें। वे किसानों के लिए जितने अधिक अपमानजनक, उतना ही अधिक आप अपनी विश्वसनीयता खो देंगे। एक जिद्दी सीएम की तुलना में एक लचीले राजनेता बनें। किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित करें और मेज पर मुद्दों को हल करें।
सिद्धू ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि आपसे आग्रह है कि आप उन किसानों के साथ टकराव के रास्ते पर न जाएं जो हमारी आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा हैं और पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। किसानों के खिलाफ कभी भी किसी ने लड़ाई नहीं जीती है। उनके मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं और आपकी 70 प्रतिशत से अधिक समस्याएं गायब हो जाएंगी।