ट्रेड यूनियनों की बुधवार को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान बैंक सेवायें प्रभावित हो सकतीं हैं। देश की दस केन्द्रीय मजदूर यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया है। ज्यादातर बैंकों ने इस हड़ताल और इससे उनकी सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में शेयर बाजारों को सूचित कर दिया है।
मजदूर संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के मद्देनजर भिवानी के जिलाधिकारी अजय कुमार ने जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आठ फरवरी को प्रमुख स्थानों पर धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं। विभिन्न कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों ने आठ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
ऐसे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सावधानी बरतते हुए ये कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी ने हरियाणा राज्य परिवहन के अधीन आने वाले बस स्टैण्ड भिवानी, सिवानी, लोहारू तथा तोशाम और सभी बस स्टैंड कार्यशाला परिसरों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
जिला प्रशासन ने कहा है कि काई भी व्यक्ति बिजली घर, यातायात, अस्पताल या स्कूल परिसर आदि में जन सुविधाओं को बाधित नहीं कर सकता। इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी द्वारा सात जनवरी को और विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा आठ जनवरी को आयोजित की जाने वाली हड़ताल के मद्देनजर रोडवेज ने अपने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल से आठ जनवरी को बैंक सेवायें हो सकतीं हैं प्रभावित
बैंक कर्मचारियों की ज्यादातर यूनियनों ने भी हड़ताल में भाग लेने और उसका समर्थन करने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। बैंक कर्मचारियों की अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संघ (एआईबीओए), भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघों और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ सहित विभिन्न यूनियनों ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया है।
बैंकों में राशि जमा करने, निकासी करने, चेक क्लियरिंग और विभिन्न वित्तीय साधनों को जारी करने का काम हड़ताल की वजह से प्रभावित हो सकता है। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों में सेवाओं पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। सरकार की ‘‘जन- विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ की जा रही इस हड़ताल में देशभर में 25 करोड़ लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस), कन्फेडरेशन आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के अलावा टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी तथा विभिन्न क्षेत्रों की स्वतंत्र यूनियनों और महासंघों ने पिछले साल सितंबर में ही आठ जनवरी 2020 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी थी।
दस कर्मचारी संघों के परिसंघ ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा है, ‘‘श्रम मंत्रालय कर्मचारियों की किसी भी मांग को लेकर आश्वासन नहीं दे पाया। मंत्रालय ने दो जनवरी 2020 को कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई थी। सरकार की नीतियों और कार्रवाई से लगता है कि सरकार श्रमिकों के प्रति रवैया ठीक नहीं है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि आठ जनवरी 2020 को होने वाली आम हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कामकाजी लोग भागीदारी करेंगे। सरकार की कर्मचारी विरोधी, जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल के बाद और भी कदम उठाये जायेंगे।