National Herald Case: सोनिया और राहुल गांधी को 142 करोड़ रुपये का मिला फायदा, ईडी ने कोर्ट में किया दावा
By अंजली चौहान | Updated: May 21, 2025 12:15 IST2025-05-21T11:55:01+5:302025-05-21T12:15:13+5:30
National Herald Case:प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ ‘प्रथम दृष्टया’ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है।

National Herald Case: सोनिया और राहुल गांधी को 142 करोड़ रुपये का मिला फायदा, ईडी ने कोर्ट में किया दावा
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड अखबार केस में फंसे राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा दावा किया है। अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने "अपराध की 142 करोड़ रुपये की कमाई" का लाभ उठाया है।
केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि नेशनल हेराल्ड से जुड़ी संपत्तियां नवंबर 2023 में जब्त की गई थीं और तब तक आरोपी "अपराध की कमाई का आनंद ले रहे थे"।
एएसजी राजू ने कहा, "अपराध की आय में न केवल अनुसूचित अपराध से प्राप्त संपत्तियां शामिल हैं, बल्कि अपराध की आय से "संबंधित" कोई अन्य आपराधिक गतिविधि भी शामिल है।"
ईडी ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने "अपराध की आय" अर्जित करने के दौरान ही नहीं बल्कि इसे अपने पास रखने के दौरान भी धन शोधन किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ धन शोधन का 'प्रथम दृष्टया' मामला बनता है। ईडी ने मामले का संज्ञान लेने के बारे में शुरुआती दलीलों के दौरान विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष यह दलील दी।
इस बीच, न्यायाधीश ने ईडी को मामले में अपने आरोपपत्र की एक प्रति भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को देने का निर्देश दिया, जिनकी निजी शिकायत के आधार पर ईडी ने वर्तमान मामला दर्ज किया है।
हाल ही में चार्जशीट दाखिल करने वाली ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की, जब मजिस्ट्रेट कोर्ट ने स्वामी द्वारा 26 जून, 2014 को दायर की गई एक निजी शिकायत का संज्ञान लिया।
नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
प्रवर्तन निदेशालय का मामला एक ट्रायल कोर्ट के 2015 के आदेश से उपजा है, जिसने आयकर विभाग को नेशनल हेराल्ड से संबंधित वित्तीय लेन-देन की जांच करने और सोनिया और राहुल गांधी की कर देनदारियों का आकलन करने की अनुमति दी थी। यह आदेश भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में दायर की गई शिकायत के बाद आया था।
स्वामी ने अपनी याचिका में गांधी परिवार द्वारा नेशनल हेराल्ड अखबार के अधिग्रहण से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया। शिकायत के अनुसार, सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के माध्यम से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - जो अखबार का मालिकाना हक रखती है - का नियंत्रण ले लिया, जिसमें उनकी 86% हिस्सेदारी है। कथित तौर पर यह अधिग्रहण मात्र ₹50 लाख में किया गया, जबकि AJL से जुड़ी अचल संपत्ति की कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।
स्वामी ने कांग्रेस नेताओं पर पार्टी फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और दावा किया कि YIL का इस्तेमाल करके AJL द्वारा कांग्रेस पार्टी को दिए गए ₹90.25 करोड़ के ऋण की वसूली के अधिकार हासिल किए गए, जो उस राशि के एक अंश के लिए था।
ईडी अब YIL में बहुसंख्यक हिस्सेदारों के रूप में सोनिया और राहुल गांधी की भूमिकाओं की जांच कर रहा है और यह कैसे AJL और इसकी मूल्यवान संपत्तियों पर उनके नियंत्रण से जुड़ा है। दोनों नेताओं को 19 दिसंबर, 2015 को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी।