प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। ये कार्यक्रम 22 दिसंबर को होना है। इस मौके पर शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने निमंत्रण स्वीकार करने पर पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा, 'पीएम की इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मौजूदगी यूनिवर्सिटी के बढ़ावे और विकास सहित प्लेसमेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।'
1964 के बाद पहली बार एएमयू के कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम
साल 1964 के बाद ये पहली बार होगा जब एएमयू के किसी कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री शामिल होंगे। इससे पहले लाल बहादुर शास्त्री ने एएमयू के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया था।
शताब्दी समारोह में पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शामिल होने की भी चर्चा भी चल रही थी। हालांकि, अब वे अगले साल फरवरी में होने वाले समारोह में शामिल हो सकते हैं। कोरोना संकट को देखते हुए यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह ऑनलाइन आयोजित किए जाएंगे।
बीजेपी नेता साधते रहे हैं AMU पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। कई बीजेपी नेता या उससे जुड़े संगठन एएमयू को लेकर कई तरह के बयान देते रहे हैं।
यहां तक कि यूनिवर्सिटी के नाम को बदलने जैसे बयान भी आ चुके हैं। वहीं, नागरिकता संशोधन एक्ट के दौरान छात्रों के यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के मामले ने भी खूब तूल पकड़ा था। इससे करीब दो साल पहले यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली जिन्ना की लगी एक तस्वीर को लेकर भी खूब विवाद मचा था।
गौरतलब है कि 1875 में सर सैयद अहमद खान ने ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज विश्वविद्यालयों की तर्ज पर इसकी स्थापानी की थी। साल 1920 में इसका नाम बदलकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी किया गया। विश्वविद्यालय के तौर पर इसका उद्घाटन उसी साल 17 दिसंबर को हुआ।