Narendra Modi Meditation: 30 मई शाम पांच बजे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अंतिम दौर का चुनाव प्रचार थम जाएगा। प्रधानमंत्री सीधे कन्याकुमारी जाएंगे और वहां ध्यान करेंगे। पीएम मोदी ने इस बात की जानकारी बीते दिनों पहले दी थी। हालांकि, अब पीएम के ध्यान से कांग्रेस को एतराज हो गया है। बुधवार को भारतीय चुनाव आयोग से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल द्वारा शिकायत की गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से कहा कि 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कोई भी नेता जो कुछ भी करे हमें उससे कोई आपत्ति नहीं है। चाहे वे मौन व्रत रखें या कुछ और मौन अवधि में अप्रत्यक्ष प्रचार नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने शिकायत की है कि पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वह 30 मई की शाम से मौन व्रत पर बैठेंगे। यह मौन अवधि 30 मई को शाम 7 बजे से 1 जून तक होगी।
सिंघवी ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। ये या तो प्रचार जारी रखने या खुद को सुर्खियों में बनाए रखने के हथकंडे हैं। हमने चुनाव आयोग से कहा है कि उन्हें मौन व्रत 1 जून की शाम को 24-48 घंटे बाद शुरू करना चाहिए। लेकिन अगर वह इसे कल शुरू करने पर जोर देते हैं, तो इसे प्रिंट या ऑडियो-विजुअल मीडिया द्वारा प्रसारित करने से रोका जाना चाहिए।
यहां जानकारी के लिए बताते चले कि पीएम मोदी कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धाजंलि देने के लिए यहां बनाए गए स्मारक रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे। 30 मई की शाम से वह एक जून शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान करेंगे।
मालूम हो कि एक जून को लोकसभा चुनाव 2024 के तहत सातवें चरण के लिए मतदान होगा। इस दिन वाराणसी लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है। पीएम मोदी तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।