Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने से नाराज मुलायम सिंह यादव और अखिलेश सरकार में मंत्री नारद राय ने बीते सोमवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस भेंट से पहले उन्होंने अपने आवास पर कार्यकर्ताओं की बैठक की, जिसमें उन्होंने अपने फैसले को सबके सामने रखा और भारी मात्रा में आए समर्थकों ने उनका पुरजोर समर्थन भी किया। हालांकि, इस बैठक का सीधा सा एक मतलब ये भी था कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपनी ताकत का एहसास कराना था।
इस बैठक में उन्होंने पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की उस बात को दोहराया, जब नेता जी ने कहा, "यदि अपने लोगों के सम्मान पर आंच आये तो किसी से भी बगावत कर जाना लेकिन झुकना मत! नेता जी आपका दिया गुरु मंत्र अंतिम सांस तक याद रखूँगा और अपने लोगों के लिए सदैव लड़ूँगा!"
असल में ये बगावत तब से शुरू हुई, जब सपा ने बलिया से नारद राय को टिकट नहीं दिया, जबकि उनकी जगह सनातन पांडेय को सपा ने इनाम देते हुए लोकसभा चुनावों में उम्मीदवार बना दिया। बीएसपी से लल्लन सिंह यादव सहित यहां कुल 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर इस सीट से 8 बार चुनाव जीते थे। लगातार 6 बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट समाजवादी पार्टी के टिकट पर चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर के पास आ गई। फिर कहीं, जाकर पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे से भाजपा को यहां विजय पताखा मिली। हालांकि, इस जीत को हैट्रिक में बदलने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया और राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को यहां से टिकट दिया है।