राष्ट्रवाद को धार देकर विपक्ष के पीडीए फार्मूले को काटेंगे सीएम योगी! लोकसभा चुनावों में मिली हार की समीक्षा पूरी
By राजेंद्र कुमार | Published: August 7, 2024 06:39 PM2024-08-07T18:39:24+5:302024-08-07T18:42:03+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बीते लोकसभा चुनावों के दौरान मिली शिकस्त के कारणों की लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हुई समीक्षा पूरी हो गई है. अब भाजपा नेता यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करने के लक्ष्य को हासिल करने में जुटेंगे.
लखनऊ, 07 अगस्त 2024 : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बीते लोकसभा चुनावों के दौरान मिली शिकस्त के कारणों की लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हुई समीक्षा पूरी हो गई है. अब भाजपा नेता यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करने के लक्ष्य को हासिल करने में जुटेंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए यह उपचुनाव बेहद ही महत्वपूर्ण हैं. इसलिए उन्होने अपनी सरकार के 30 मंत्रियों की ड्यूटी इन विधानसभा सीटों पर चुनाव की तैयारियों को करने के लिए लगाई है. इसके साथ ही सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूले की काट के लिए सूबे में फिर राष्ट्रवाद और कानून व्यवस्था के मुद्दे को धार देने का फैसला किया है. जिसके तहत प्रदेश में 10 दिनी मुहिम शुरू की जाएगी. हर घर तिरंगा, राष्ट्रनायकों को नमन, तिरंगा यात्रा और विभाजन दिवस की विभीषिका जैसे आयोजनों के जरिए राष्ट्रवाद के उभार कर विपक्ष (सपा- कांग्रेस) के जातिवादी एजेंडे (पीडीए) को कुंद किया जाएगा. सरकार और संगठन दोनों इस मुहिम में जुटेंगे.
भाजपा नेताओं का दावा है कि सीएम योगी के इस प्लान से विपक्षी दलों के जातिवादी दांव की हवा निकाली जाएगी. वैसे भी अब पार्टी लोकसभा चुनाव के नतीजे अनुकूल न रहने के झटके से उबर चुकी है. पार्टी ने लोकसभा चुनावों में बिगड़े सामाजिक समीकरण को सुधारने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. पार्टी नेताओं की नाराजगी को भी दूर किया गया है. मुख्यमंत्री योगी अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और दोनों डिप्टी सीएम एक साथ बैठक विधानसभा की 10 सीटों को जीतने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. यही नहीं इस सभी नेताओं ने खुद भी दो से तीन सीटों को जीतने की ज़िम्मेदारी ली है. इसी क्रम में अब उपचुनाव में सपा, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को घेरने की तैयारी तैयारी पार्टी ने की है. जिसके तहत पार्टी के नेता उपचुनाव वाली सीटों पर जाकर मोदी-योगी सरकार की नीतियों को जनता के बीच प्रचारित करने के साथ ही राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. बीते सात वर्षों के दौरान राज्य में कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का जिक्र करेंगे, ताकि सपा सरकार में अराजक हुई कानून व्यवस्था की याद लोगों को दिलाई जा सके.
सपा-कांग्रेस के मनोबल को तोड़ेंगे
सूबे में भाजपा को यह सब करने की जरूरत इस लिए भी है क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद से विपक्ष खासतौर से सपा और कांग्रेस का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. यह दोनों ही दल जातीय जनगणना की मांग तेज करने में जुटे हैं. सड़क से लेकर सदन तक जाति का शोर सुनाई दे रहा है. इसीलिए सीएम योगी ने सपा-कांग्रेस के मनोबल को तोड़ने के लिए सामाजिक समीकरण साधने के साथ ही राष्ट्रवाद के एजेंडे पर पूरी ताकत से आगे बढ़ने का फैसला किया है. जिसके चलते 11 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा अभियान के जरिए राष्ट्रवाद को उभारा जाएगा. इसके लिए बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक व्यूह रचना की गई है. इसके साथ ही अयोध्या में मछुआरा समाज की बच्ची के साथ हुए गैंगरेप जैसी घटनाओं के जरिए भी पार्टी सपा नेताओं को घेरने की तैयारी है. इस मामले की की गई कार्रवाई को भाजपा जमकर प्रचारित करेंगी. भाजपा नेताओं का दावा है यह सब करते हुए पार्टी बीते लोकसभा चुनाव में अगड़ों के साथ ही पिछड़े और दलित वोटों में आई कमी को पूरा कर लेगी. बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा के वोट शेयर में तकरीबन आठ फीसदी की गिरावट आ गई. इसका सीधा असर सीटों पर भी पड़ा और पार्टी 62 से सरक कर 33 सीटों पर आ गई. अब राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देकर भाजपा अपने खिसक गए वोट बैंक को प्राप्त कर लेगी.