नागपुरः इस साल दिवाली के मौके पर शहर में पिछले दो साल की तुलना में ज्यादा ध्वनि प्रदूषण हुआ. इसमें भी शहर के चार जोन में सर्वाधिक यानी 80 डेसिबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण हुआ.
इनमें हनुमान नगर, नेहरू नगर, सतरंजीपुरा और आसीनगर जोन का समावेश है. इसका खुलासा राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी एवं अनुसंधान संस्थान (नीरी) द्वारा एप्प से जुटाए गए डाटा से हुआ है. इस दिवाली पर नीरी के ध्वनि प्रदूषण विशेषज्ञ इंजीनियर सतीश लोखंडे ने ध्वनि प्रदूषण की निगरानी करने के लिए एक अभियान चलाया था.
उन्होंने अपने द्वारा डेवलप किए गए एंड्राॅइड एप्प के माध्यम से अपने-अपने क्षेत्र का ध्वनि प्रदूषण का डाटा इकट्ठा करने के लिए सामने आने की अपील नागरिकाें से की थी, जिसे सभी आयुवर्ग के शहरवासियों का अच्छा प्रतिसाद मिला. इसके तहत शहर के 676 स्थानों से डाटा इकट्ठा किया गया.
सतीश लोखंडे ने अभियान में शामिल होने के लिए शहरवासियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि इसमें कमला नेहरू महाविद्यालय, सक्करदरा के विद्यार्थियों ने सक्रिय भाग लिया. नीरी के युवा शोधकर्ता विनीत काला और मोहिंद्र जैन ने इस अभियान में संयुक्त रूप से समन्वय किया.
शहरभर से ध्वनि की जो रीडिंग प्राप्त हुई उसमें 50 प्रतिशत 70 से 89 डेसिबल थी जबकि 29 प्रतिशत रीडिंग 60 से 70 डेसिबल थी और 21 प्रतिशत रीडिंग 60 डेसिबल से कम रही. शहर में 46 सर्वाधिक प्रदूषित स्थान पाए गए, जहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर 75 से 80 डेसिबल था जबकि 16 इलाकों में खतरनाक यानी 80 डेसिबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण रहा.
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने इस बार दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक फटाखे फोड़ने की अनुमति दी थी. वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल (सीपीबीसी) ने आवासीय क्षेत्रों में रात 10 बजे तक 55 डेसिबल और रात 10 बजे के बाद 45 डेसिबल ध्वनि सीमा की अनुमति दी थी. इसके बावजूद शहर में इस सीमा का लांघते हुए जमकर फटाखे फोड़े गए.
दिवाली के मौके पर ध्वनि का स्तर, साल ध्वनि प्रदूषण (डेसिबल में)
2019 65-80.80
2020 60-80
2021 37.9-89.20
जोनवार ध्वनि प्रदूषण का स्तर
जोन 75+ डेसिबल 80+ डेसिबलहनुमान नगर 13 रघुजीनगर, भगवान नगर, रामेश्वरी, मानेवाड़ा
नेहरू नगर 10 नंदनवन, रमना मारुति, नरसाला, दिघोरी, सेनापति नगरसतरंजीपुरा 6 तांडापेठ, पांचपावली, इतवारी, हंसापुरी
आसीनगर 6 बेझनबाग, वैशाली नगरलक्ष्मीनगर 4 -
लकड़गंज 3 -