Murshidabad violence: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का आधिकारिक दौरा करने की घोषणा की है। कहा कि किसी भी कीमत पर शांति स्थापित करने का प्रयास करना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गवर्नर को मुर्शिदाबाद नहीं जाने की सलाह दी थी। बनर्जी सहित राज्य नेतृत्व की कड़ी आपत्तियों के बावजूद राज्यपाल आज से दो दिवसीय यात्रा कर रहे हैं। बोस ने कहा, "मैं मुर्शिदाबाद जाना चाहता हूं।" "वहां जो कुछ हुआ वह चौंकाने वाला है। ऐसी घटनाएं कभी नहीं होनी चाहिए थीं। मैं मैदान पर वास्तविकता की जांच करना चाहता हूं। शांति बहाल होनी चाहिएऔर यह किसी भी कीमत पर होगी।" बोस का यह बयान बढ़ते तनाव और जांच के बीच आया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मुर्शिदाबाद में केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाने और जांच को एनआईए को सौंपने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। राज्य ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें वक्फ अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में वृद्धि का उल्लेख किया गया, जिसमें कहा गया कि नागरिकों और पुलिस दोनों पर घातक हथियारों से लैस भीड़ द्वारा हमला किया गया।
राज्यपाल सीवीआनंद बोस शुक्रवार को हिंसा प्रभावित मालदा के लिए रवाना हो गए, जहां उनके, घर छोड़कर भागे दंगा पीड़ितों से मुलाकात करने की संभावना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा स्थगित करने के अनुरोध किया था, इसके बावजूद बोस रवाना हो गए हैं।
बोस ने शुक्रवार की सुबह मालदा के लिए रवाना होते समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं हिंसा प्रभावित क्षेत्र में जा रहा हूं।’’ राजभवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोस मालदा के बाद मुर्शिदाबाद भी जा सकते हैं। अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्यपाल वहां (मुर्शिदाबाद में) स्वयं स्थिति की समीक्षा करेंगे। वह हिंसा से प्रभावित लोगों से भी मिल सकते हैं।’’
मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर इलाकों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ 11 और 12 अप्रैल को हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी। जान जाने के डर से कई लोग पड़ोसी जिले मालदा की तरफ भाग कर आ गए और वहां शरण ली है। जिले के दंगा प्रभावित इलाकों में राज्य पुलिस के साथ अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है, जहां से अब तक 274 लोगों को तोड़फोड़ और दंगे में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया है।
एनएचआरसी का दल मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित शरणार्थियों से मिलने मालदा पहुंचा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का एक दल पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में शुक्रवार को उन लोगों से मिलने पहुंचा जिन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों से भागकर शरणार्थी शिविरों में शरण ली है। एनएचआरसी ने हाल में मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया।
आयोग ने मंगलवार को कहा कि उसने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए घटनाओं की जांच के लिए एक दल भेजने का फैसला किया है। एनएचआरसी ने प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा और कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में एक औपचारिक शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की है।
अधिकारियों ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में हुई हिंसक झड़पों के दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। कई स्थानीय निवासी अपनी जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर भाग गए और उन्होंने पड़ोसी मालदा जिले में बनाए गए शिविरों में शरण ली।
यह हिंसा केंद्र सरकार द्वारा हाल में वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के खिलाफ व्यापक विरोध के बीच हुई। एनएचआरसी ने निर्देश दिया है कि तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत जांच रिपोर्ट पेश की जाए।