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मप्र : एचआईवी संक्रमित किशोर इलाज के लिए दमोह से जबलपुर पहुंचा, स्थानीय एनजीओ ने दी शरण

By भाषा | Published: August 22, 2021 8:56 PM

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मध्य प्रदेश के दमोह जिले स्थित अपने घर से कथित तौर पर तीन दिन पहले गायब हुआ 15 वर्षीय एचआईवी संक्रमित किशोर अपने इलाज के लिए जबलपुर पहुंच गया है। यहां उसे एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने शरण दी है। दमोह में उसके परिचितों ने कहा कि यह किशोर एक बस के पीछे से छत पर सामान चढ़ाने वाली सीढ़ियों पर चढ़ा और उसे पकड़कर दमोह से करीब 105 किलोमीटर दूर जबलपुर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से उसके कानों में दर्द हो रहा था, हो सकता है कि वह जबलपुर अपने कानों का इलाज कराने गया हो। एनजीओ के एक पदाधिकारी ने रविवार को आरोप लगाया कि इस किशोर को उसके चाचा ने घर से निकाल दिया था। हालांकि, उसके चाचा ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वह तीन दिन पहले लापता हो गया था, जिसके बाद पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस किशोर के चाचा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैंने इस लड़के के साथ कोई बुरा बर्ताव नहीं किया है। मैं एक मजदूर हूं और जो भी पैसा मैं कमाता हूं, उससे उसकी देखभाल कर रहा हूं। मैं उसे इलाज के लिए कुछ महीने पहले जबलपुर के एक अस्पताल में भी ले गया था। यह लड़का नौवीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुका है।’’ दमोह ग्रामीण थाने के सहायक उप निरीक्षक पी मिश्रा ने बताया कि शनिवार को इस लड़के की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की गई और उसको ढूंढ़ने के प्रयास जारी है। इसी बीच, किशोर को शरण देने वाला एनजीओ उसे एचआईवी के इलाज के लिए शनिवार को जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ले गए। एनजीओ मोक्ष संस्था के सामाजिक कार्यकर्ता आशीष ठाकुर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि दमोह जिले के एक गांव के रहने वाले इस एचआईवी संक्रमित किशोर को उसके चाचा ने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। अपनों के तिरस्कार के बाद वह बस चालक व क्लीनर से मिन्नतें कर किसी तरह शुक्रवार को दमोह से जबलपुर पहुंच गया। उन्होंने कहा कि यह किशोर जबलपुर बस स्टैंड पर उतरा और रात को दर्द से कराहते हुए वहां से नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल की ओर अकेला पैदल जा रहा था। इस दौरान जब कुछ लोगों ने उसे देखा तो उससे पूछा कि वह कहां का रहने वाला है और कहां जा रहा है। जब उसने आप बीती सुनाई तो उसको शरण देने के लिए लोगों ने हमारे एनजीओ की मदद मांगी और हमने उसे शरण दी। ठाकुर ने कहा कि शनिवार को हम इस लड़के को एचआईवी इलाज के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ले गये। उन्होंने बताया कि इस लड़के के पिता और मां का करीब 10 साल पहले ही निधन हो गया था। वे दोनों भी एचआईवी संक्रमित थे। ठाकुर ने कहा कि हम इस लड़के के चाचा या परिवार के किसी अन्य सदस्य से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि उन्हें उसके बारे में सूचित किया जा सके कि वह जबलपुर में है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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