कमजोर बच्चों की दयनीय स्थिति वाले विज्ञापनों से पैसे जुटाने से बचें एनजीओ- एनसीपीसीआर ने नोटिस जारी कर कही यह बात
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 7, 2022 07:51 AM2022-12-07T07:51:34+5:302022-12-07T08:03:28+5:30
मामले में एक सांसद ने एनजीओ के काम-काज पर आपत्ति जताई है। सांसद के अनुसार, एनजीओ कमजोर लड़कों की दयनीय स्थिति वाले विज्ञापनों को दिखा कर इस तरीके के बच्चों के माध्यम से देश-विदेश के पैसा जुटा रही है। ऐसे में एनसीपीसीआर ने इस पर एक्शन लेते हुए नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को एक नोटिस जारी किया है। नोटिस के जरिए एनसीपीसीआर ने एनजीओ से कहा है कि वे धन जुटाने के लिए अपने विज्ञापनों में ‘‘कमजोर बच्चों को दयनीय स्थिति’’ में न दिखाएं।
आपको बता दें कि एनजीओ को इस तरीके की नोटिस तब दी गई है जब इसके खिलाफ एक सांसद ने आवाज उठाई है। सांसद के अनुसार, एनजीओ इस तरीके के बच्चों के माध्यम से देश-विदेश के पैसा जुटा रही है। ऐसे में एनसीपीसीआर ने इस पर एक्शन लेते हुए नोटिस जारी किया है।
एक सांसद द्वारा आयोग के समक्ष चिंता जताने पर नोटिस जारी हुआ है
आयोग ने गैर-सरकारी संगठनों को जारी एक नोटिस में कहा कि एक सांसद ने आयोग के समक्ष चिंता जताई है कि विभिन्न गैर-सरकारी संगठन "कमजोर बच्चों को दयनीय स्थिति में" दिखाकर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय- प्रिंट मीडिया, समाचार चैनलों, वेबसाइट तथा सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के माध्यम से धन जुटा रहे हैं।
मामले में बाल अधिकार इकाई ने क्या कहा है
इस पर बोलते हुए बाल अधिकार इकाई ने कहा, ‘‘उक्त संबंध में आयोग का मानना है कि इस तरह की गतिविधियां बाल अधिकारों का उल्लंघन हैं, जो किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रावधानों का उल्लंघन है।’’ ऐसे में आयोग ने एनजीओ से कहा कि वे धन जुटाने के लिए अपने विज्ञापनों में ‘‘कमजोर बच्चों को दयनीय स्थिति’’ में दिखाने से बचें।