Happy Mother’s Day 2024: मई के दूसरे रविवार को दुनिया भर में हर साल मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। माताओं द्वारा अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों के लिए किए गए त्याग के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रदर्शित करने के लिए ये दिन विशेष रूप से समर्पित है। इस वर्ष बहुप्रतीक्षित मातृ दिवस 12 मई को मनाया जाएगा।
अमेरिकी कार्यकर्ता अन्ना जार्विस के प्रयासों के कारण मातृ दिवस समारोह मनाया जाता है। 1905 में अपनी माँ के निधन के बाद जार्विस बहुत परेशान हो गये थे और उन्होंने अपनी माँ की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए एक अभियान शुरू किया। 1908 में वेस्ट वर्जीनिया पहली बार मदर्स डे मनाया गया। कहते हैं कि जार्विस खुद इस आयोजन में नहीं पहुंची और वहां आए लोगों को एक टेलीग्राम संदेश भेजा। इसके बाद से इसे विशेष तरीके से मनाने का प्रचलन शुरू हुआ। अमेरिका में मदर्स डे का आधिकारिक स्वरूप राष्ट्रपति वुडरो विल्सन के कार्यकाल में आया।
जैसे ही इस अवधारणा को लोकप्रियता मिली, राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1914 में एक कार्यकारी आदेश जारी कर मई के दूसरे रविवार को माताओं के सम्मान में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया। मातृ दिवस अब दुनिया भर के 50 से अधिक देशों में मनाया जाता है। हालाँकि मदर्स डे मनाने के कई तरीके हैं, लेकिन इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा शुभकामनाएँ हैं। मां पर हिंदी में भी कई कविताएं और शेर लिखे गए हैं। यहां हम आपके लिए कुछ ऐसी ही कविताएं और शेर लेकर आए हैं।
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
(मुनव्वर राना)
जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
(मुनव्वर राना)
किताबों से निकल कर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
(सिराज फ़ैसल ख़ान)
मुद्दतों ब'अद मयस्सर हुआ माँ का आँचल
मुद्दतों ब'अद हमें नींद सुहानी आई
(इक़बाल अशहर)
ऐ रात मुझे माँ की तरह गोद में ले ले
दिन भर की मशक़्क़त से बदन टूट रहा है
(तनवीर सिप्रा)
जिस ने इक उम्र दी है बच्चों को
उस के हिस्से में एक दिन आया
(अज्ञात)
जब भी कश्ती मिरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
(मुनव्वर राना)