लाइव न्यूज़ :

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से होगा शुरू, TDP लाएगी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 

By रामदीप मिश्रा | Updated: July 13, 2018 18:47 IST

टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से खासी नाराज चल रही और इसी वजह से उसने एनडीए से खुद को अलग कर लिया था।

Open in App

नई दिल्ली, 13 जुलाईः संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन इस सत्र के हंगामें की भेंट चढ़ने के पहले ही संकेत मिलने लगे हैं। दरअसल, तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने दावा किया है कि वह देश की नरेंद्र मोदी सरकार के खिफाल अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। बताया जा रहा है इसका समर्थन कांग्रेस भी कर सकती है।'आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ किया धोखा'

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक टीडीपी के नेता लंका दिनाकरन ने कहा है, 'हम संसद के मानसून सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। बीजेपी और वाईएसआरसीपी दोनों चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ धोखा किया है।'

पिछले सत्र में भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की हुई थी कोशिश

दरअसल, टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने की वजह से बीजेपी से खासी नाराज चल रही और इसी वजह से उसने एनडीए से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद उसने पिछले संसद सत्र में वाईएसआर कांग्रेस को साथ लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। इसके अलावा कांग्रेस, टीआरएस, एनसीपी समेत कई अन्य दल भी बीते सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश में जुटे हुए थे।

एपी के विशेष राज्य के दर्जे की फिर उठेगी मांग

खबरों के अनुसार, टीडीपी आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग इस बार फिर उठा सकती है। इस मामले को लेकर टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी का कहना है कि हमारी मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं, जिसकी वजह से हम शांत बैठने वाले नहीं हैं। इस बार भी वह संसद में अपनी मांगें उठाएंगे। 

कैसे लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव?

आपको बता दें कि जब किसी विपक्षी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव पेश करता है। इसके लिए वह सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर को इसकी लिखित में सूचना देता है। इसके बाद स्पीकर उसी दल के किसी सांसद से इसे पेश करने के लिए कहता है। अविश्वास प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जा सकता है, जब सदन में उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। वहीं, अगर लोकसभा अध्यक्ष या स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी दे देते हैं, तो प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के अदंर इस पर चर्चा जरूरी है। इसके बाद स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करा सकता है या फिर कोई फैसला ले सकता है।लोकमत न्यूज के लेटेस्ट यूट्यूब वीडियो और स्पेशल पैकेज के लिए यहाँ क्लिक कर सब्सक्राइब करें!

टॅग्स :नरेंद्र मोदीतेलगु देशम पार्टीकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारतIndiGo Flight Cancel: इंडिगो संकट के बीच DGCA का बड़ा फैसला, पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी मानदंडों में दी ढील