केंद्र सरकार कर सकती है कोवैक्सिन के टीके की कीमत पर पुनर्विचार, नीति आयोग के सदस्य ने दिए संकेत
By अभिषेक पारीक | Updated: June 21, 2021 20:41 IST2021-06-21T20:34:29+5:302021-06-21T20:41:33+5:30
कोरोना वायरस के खिलाफ देश में इस्तेमाल की जा रही कोवैक्सिन की कीमत पर केंद्र सरकार पुनः विचार कर सकती है।

फाइल फोटो
कोरोना वायरस के खिलाफ देश में इस्तेमाल की जा रही कोवैक्सिन की कीमत पर केंद्र सरकार पुनः विचार कर सकती है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) और राष्ट्रीय कोविड-19 कार्यबल के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार भारत बायोटेक की कोवैक्सिन की एक खुराक के लिए 150 रुपए का भुगतान कर रही है। जिस पर पुनः विचार किया जाएगा।
सीएनबीसी टीवी18 के साथ बातचीत करते हुए डॉ. पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्र को वैक्सीन निर्माता कंपनी किस कीमत पर कोरोना का टीका देती है, इसका निर्णय उसी को लेना है। फिलहाल भारत बायोटेक अभी तक केंद्र सरकार को 150 रुपए में केंद्र सरकार को, 400 रुपए में राज्य सरकारों को और 1200 रुपए में निजी अस्पतालों को कोविड-19 वैक्सीन का टीका उपलब्ध करवा रही थी।
निजी क्षेत्र को ऊंची कीमत में टीका बेचना जरूरी
अपने हालिया बयान में कंपनी ने कहा था कि वैक्सीन की लागत की भरपाई के लिए उसे निजी क्षेत्र को ऊंची कीमत में टीका बेचना जरूरी है। दूसरे टीकों की तुलना में कोवैक्सिन के टीके के अधिक मूल्य को कंपनी ने सही ठहराते हुए कहा कि कम मात्रा में खरीद और वितरण में आने वाली अधिक लागत के साथ अन्य बुनियादी कारणों से कोवैक्सिन का टीका महंगा हो जाता है।
लंबे समय तक 150 रुपए में टीका देना संभव नहीं
साथ ही कंपनी का कहना है कि 150 रुपए प्रति खुराक की दर से कोवैक्सिन की आपूर्ति लंबे समय तक संभव नहीं है। कंपनी ने 150 रुपए की खुराक की दर को गैर आपूर्ति प्रतिस्पर्धी कीमत बताया। केंद्र के निर्देशों के चलते कोवैक्सिन के कुल उत्पादन का दस फीसद से भी कम हिस्सा निजी क्षेत्र को दिया जा रहा है।
500 करोड़ का किया है निवेश
कंपनी ने टीके के विकास, क्लिनिकल ट्रायल और निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए करीब 500 करोड़ रुपए का निवेश किया है। कंपनी का कहना है कि टीकों और अन्य दवाओं का मूल्य निर्धारण विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।