गन्ना किसानों को मोदी सरकार ने दी खुशखबरीः गन्ने का एफआरपी 10 रुपये क्विंटल बढ़ाने को मजूरी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 19, 2020 15:26 IST2020-08-19T15:04:12+5:302020-08-19T15:26:31+5:30

सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में गन्ने का 2020- 21 (अक्टूबर- सितंबर) विपणन वर्ष के लिये एफआरपी दाम 10 रुपये क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी गई।

Modi government gives good news sugarcane farmers FRP increase Rs 10 quintal | गन्ना किसानों को मोदी सरकार ने दी खुशखबरीः गन्ने का एफआरपी 10 रुपये क्विंटल बढ़ाने को मजूरी

सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली सांविधिक संस्था है।

Highlightsसूत्रों ने बताया कि सीसीईए ने खाद्य मंत्रालय के इस संबंध में दिये गये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।गन्ने का एफआरपी 275 रुपये से बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने का प्रस्ताव दिया था।मंत्रिमंडल समिति का यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के मुताबिक है।

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार ने बुधवार को गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने को मंजूरी दे दी। यह दाम गन्ने के अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले नये विपणन सत्र के लिये तय किया गया है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 1 करोड़ गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 285 रु. प्रति क्विंटल निश्चित हुआ है। ये 10% रिकवरी के आधार पर है। अगर रिकवरी 9.5% या उससे भी कम रहती है तो भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270 रु. दाम मिलेगा। इथेनॉल भी सरकार अच्छे दाम पर लेती है। सरकार ने पिछले साल 60 रु. प्रति लीटर के दाम पर 190 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा था।

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में गन्ने का 2020- 21 (अक्टूबर- सितंबर) विपणन वर्ष के लिये एफआरपी दाम 10 रुपये क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी गई।

सूत्रों ने बताया कि सीसीईए ने खाद्य मंत्रालय के इस संबंध में दिये गये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रालय ने अगले विपणन सत्र के लिये गन्ने का एफआरपी 275 रुपये से बढ़ाकर 285 रुपये क्विंटल करने का प्रस्ताव दिया था। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल समिति का यह निर्णय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिश के मुताबिक है।

सीएसीपी सरकार को प्रमुख कृषि उत्पादों के दाम को लेकर सलाह देने वाली सांविधिक संस्था है। एफआरपी को गन्ना (नियंत्रण) आदेश 1966 के तहत तय किया जाता है। यह गन्ने का न्यूनतम मूल्य होता है जिसे चीनी मिलों को गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान करना होता है।

सरकार का अनुमान है कि चालू विपणन सत्र में गन्ने का कुल उत्पादन 280 से 290 लाख टन रह सकता है। गन्ने का चालू विपणन सत्र अगले महीने समाप्त हो रहा है। पिछले साल 2018- 19 में देश में 331 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की खेती में कमी आने से चालू विपणन सत्र में उत्पादन कम रहने का अनुमान है। 

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