जवान बनेंगे और चुस्त-दुरुस्त, एक आयुसीमा के बाद कठिन ड्यूटी नहीं, अर्द्धसैनिक बलों का विलय पर विचार कर रही मोदी सरकार

By भाषा | Published: January 7, 2020 01:55 PM2020-01-07T13:55:51+5:302020-01-07T13:55:51+5:30

अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की गई है। यह इस साल के मध्य तक मंत्रालय को एक अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी।

Modi government contemplating merger of paramilitary forces, to be young and fit, not hard duty after one age | जवान बनेंगे और चुस्त-दुरुस्त, एक आयुसीमा के बाद कठिन ड्यूटी नहीं, अर्द्धसैनिक बलों का विलय पर विचार कर रही मोदी सरकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में इसकी संचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए यहां सीआरपीएफ मुख्यालय का दौरा किया था।

Highlightsमंत्रालय में महानिदेशकों एवं विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) की समिति द्वारा चर्चा में शामिल प्रस्तावों में से एक का उद्देश्य कुछ बलों का विलय करना है।भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का विलय कर एक इकाई गठित की जा सकती है।

सरकार विभिन्न अर्द्धसैनिक बलों को कहीं अधिक चुस्त-दुरुस्त और सुगठित लड़ाकू इकाइयों में तब्दील करने पर विचार कर रही है। इसके लिए इन बलों का विलय करना और एक आयुसीमा के बाद जवानों को कठिन ड्यूटी पर नहीं लगाने जैसे कदम उठाए जाने की संभावना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की एक विशेष समिति गठित की गई है। यह इस साल के मध्य तक मंत्रालय को एक अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी।

गृह मंत्रालय में महानिदेशकों एवं विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) की समिति द्वारा चर्चा में शामिल प्रस्तावों में से एक का उद्देश्य कुछ बलों का विलय करना है, ताकि उन्हें विशेष सीमा सुरक्षा पहरेदारी की भूमिका या विशेष आतंकवाद रोधी कार्य में कहीं अधिक चुस्त दुरुस्त, लड़ने के लिए तंदुरुस्त और कार्योन्मुखी बनाया जा सके।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह चर्चा की जा रही है कि चीन और नेपाल जैसे देशों से लगे समूचे पूर्वी क्षेत्र की सीमा की पहरेदारी के लिए क्या सीमा पर पहरेदारी कर रहे दो बलों, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का विलय कर एक इकाई गठित की जा सकती है।

वर्तमान में दोनों बलों के कार्य अलग-अलग हैं। आईटीबीपी चीन से लगी 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की पहरेदारी करता है जबकि एसएसबी नेपाल से लगी 1,751 किमी लंबी सीमा और भूटान से लगी 699 किमी सीमा की पहरेदारी करता है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस विषय पर कुछ चर्चा हुई है लेकिन इन दो बलों का विलय करने से पहले इस कदम के नफा-नुकसान पर विचार करना होगा क्योंकि ऐसा कोई कदम करगिल युद्ध के बाद लिये गए उस नीतिगत फैसले के खिलाफ होगा, जिसके तहत एक सीमा के लिए एक बल का फैसला लिया गया था। दोनों बलों में एक लाख से कम कर्मी हैं। इस विषय पर और अधिक चर्चा हो रही है और किसी भी चीज को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

चर्चा के स्तर पर एक अन्य प्रस्ताव देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ का आतंक रोधी कमांडो एनएसजी के साथ विलय करने का है। अधिकारियों ने बताया कि ये दोनों बल एक दूसरे से बिल्कुल ही बहुत अलग हैं लेकिन संभवत: दोनों बलों के लिए एक कमान के बारे में चर्चा चल रही है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कानून व्यवस्था कायम रखने वाला, नक्सल रोधी और उग्रवाद रोधी प्रमुख बल है, जबकि एनएसजी आतंकवाद रोधी और हाईजैक रोधी अभियानों के लिए शीर्ष संघीय बल है।

अधिकारियों ने बताया कि इनके विलय का प्रस्ताव अभी सिर्फ चर्चा के स्तर पर है और इसे स्वीकार करने या खारिज करने से पहले कई अन्य मुद्दों का विश्लेषण किया जाएगा। एक अन्य प्रस्ताव, तीन लाख से अधिक कर्मियों वाले सीआरपीएफ को चुस्त-दुरूस्त रखने का है ताकि आंतरिक सुरक्षा के सभी क्षेत्रों में उसे प्रथम कार्रवाई के औजार के रूप में उपयोग किया जा सके। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में इसकी संचालन तैयारियों की समीक्षा करने के लिए यहां सीआरपीएफ मुख्यालय का दौरा किया था।

उन्होंने बल से इस बात पर विचार करने को कहा था कि क्या बल को युवा और चुस्त दुरूस्त रखने के लिए नीतिगत कदम उठाए जा सकते हैं। इसके बाद सीआरपीएफ ने अधिकारियों की छह सदस्यीय एक समिति गठित की, जो एक उम्र सीमा निर्धारित करेगी जिसके बाद इसके कर्मियों को संगठन के अंदर अपेक्षाकृत स्थिर ड्यूटी पर भेजा जा सकता है या उन्हें कम कठिन ड्यूटी दी जा सकती है। समिति इस बारे में भी विश्लेषण करेगी कि क्या ऐसे कर्मियों को एसएसबी या केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसे अन्य बलों में खपाया जा सकता है।

Web Title: Modi government contemplating merger of paramilitary forces, to be young and fit, not hard duty after one age

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे