Modi Cabinet Reshuffle News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अंतिम बार मोदी कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। लोकसभा चुनाव से पहले 5 राज्य में विधानसभा चुनाव है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 2023 में हो रहा है।
भाजपा इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियों में जुटी है। हाल ही में कर्नाटक में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देकर सरकार बनाई थी। इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है।
बैठक से पहले राजनीति घटनाक्रम तेज हो गई
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शीर्ष नेतृत्व की कई दौर की बैठकों के बाद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावना को लेकर जारी चर्चाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। बैठक से पहले राजनीति घटनाक्रम तेज हो गई है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एनडीए विस्तार करना शुरू कर दिया। फिर से पुरान दल को जोड़ा जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल, तेलुगु देशम पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), राष्ट्रीय लोक जनता दल के सांसद को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को साथ छोड़ दिया
शिरोमणि अकाली दल ने किसान आंदोलन के समय भाजपा का साथ छोड़ दिया था। हरसिमरत कौर बादल को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान भी मंत्री बन सकते हैं। तेलुगु देशम पार्टी नेता को भी मंत्री पद से नवाजा जा सकता है।
राष्ट्रीय लोक जनता दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को साथ छोड़ दिया है। बिहार में नीतीश के साथ छोड़ने से भाजपा फिर से कुशवाहा, बिहार के पूर्व सीएम और हम नेता जीतन राम मांझी और वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी पर डोरे डाल रही है। साहनी को हाल ही में जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी।
बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावनाओं को बल मिला
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे को भाजपा पहले से ही महाराष्ट्र सीएम बना चुकी है। इस दल के नेता भी केंद्र में मंत्री बन सकते हैं। कल ही महाराष्ट्र में उठापटक हुआ है। भाजपा 2024 से पहले संगठन और पार्टी पर हर दांव आजमा रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार के अपनी पार्टी के कई विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित भाजपा के रणनीतिकारों से जुड़ी बंद कमरे में हुई कई बैठकों के बाद मंत्रिपरिषद में फेरबदल की संभावनाओं को बल मिला है।
राकांपा के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को एक संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। पटेल, राकांपा प्रमुख शरद पवार के बेहद करीबियों में गिने जाते थे लेकिन उन्होंने उनका साथ छोड़कर अजित पवार से हाथ मिला लिया। अजित पवार, शरद पवार के भतीजे हैं।
अजित पवार के महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही देवेंद्र फड़नवीस को केंद्र सरकार में लाए जाने की भी अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा सूत्रों ने संकेत दिया है कि जब भी मोदी अपने मंत्रिपरिषद में फेरबदल का फैसला करेंगे तो सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
आगामी 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र से पहले की अवधि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल या बदलाव का आखिरी मौका हो सकता है। इसलिए मंत्रिपरिषद में फेरबदल या विस्तार की संभावनाओं को और बल मिला है। सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों सहित भाजपा के केंद्रीय संगठन में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
क्योंकि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार तेज करने में जुटा है। मोदी ने 28 जून को शाह और नड्डा के साथ बैठक की थी। इससे पहले, संगठनात्मक और राजनीतिक मामलों का जायजा लेने के लिए शाह और नड्डा सहित अन्य शीर्ष नेता बंद कमरे में कई दौर की बैठक कर चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिपरिषद में किसी भी तरह का फेरबदल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी किया जाएगा।
(इनपुट एजेंसी)