प्याज की बढ़ती कीमतों की वजह से लोगों के आंख से आंसू बाहर निकल आए हैं। प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच भारत सरकार ने 11 हजार मिलियन टन प्याज टर्की से मंगवाने का फैसला किया है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, सरकार ने इसके लिए ऑर्डर दे दिया है।
सरकार ने बताया कि यह प्याज दिसंबर के आखिरी हफ्ते या जनवरी के पहले हफ्ते से आना शुरू हो जाएगा। इसके अलावा 6090 मिलियन टन प्याज मिश्र से भी मंगाया गया है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश के प्रमुख शहरों में प्याज के दाम अभी भी ऊंचे बने हुए हैं। बृहस्पतिवार को प्याज का औसत बिक्री मूल्य 70 रुपये किलो रहा जबकि पणजी में प्याज का अधिकतम मूल्य 110 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया।
सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्याज की कीमत सबसे कम यानी 38 रुपये किलो रही। देश के चार मेट्रो शहरों में से राष्ट्रीय राजधानी में इसकी कीमत 76 रुपये किलो , मुंबई में 92 रुपये किलो , कोलकाता में 100 रुपये किलो और चेन्नई में 80 रुपये किलो रही।
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय , देश भर में फैले 109 बाजार केन्द्रों से जुटाये गये आंकड़ों के आधार पर 22 आवश्यक सामग्रियों (चावल , गेहूं , आटा , चना दाल , तुअर (आहर) दाल , मूंग दाल , चीनी , गुड़ , मूंगफली तेल , सरसों तेल , वनस्पति , सूरजमुखी तेल , सोया तेल , पाम तेल , चाय , दूध , आलू , प्याज , टमाटर और नमक) की कीमतों पर नजर रखता है।
यह दिलचस्प है कि महंगे प्याज पर अब चोरों की भी नजर है। सूरत के एक सब्जी विक्रेता ने कहा कि तड़के उसकी दुकान से 25,000 रुपये मूल्य के 250 किलो प्याज चुरा लिये गये। सरकार ने बुधवार को देश भर के व्यापारियों पर प्याज का स्टॉक रखने की सीमा पर रोक की अवधि अनिश्चित समय लिए आगे बढ़ा दी। प्याज का स्टॉक रखने की सीमा सितंबर में तय की गई थी।
वर्तमान में, खुदरा व्यापारी केवल 100 क्विंटल तक प्याज का स्टॉक रख सकते हैं और थोक व्यापारियों को 500 क्विंटल तक का स्टॉक रखने की अनुमति है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार को कहा था कि सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है।