भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी की मदद के आरोप पर विदेश मंत्रालय ने दी सफाई, कही ये बातें
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 3, 2018 10:18 PM2018-08-03T22:18:57+5:302018-08-04T05:37:42+5:30
कांग्रेस ने चोकसी के फरार होने में मोदी सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली, 3 अगस्तः मेहुल चोकसी के फरार होने में मदद के आरोप में मोदी सरकार घिर रही है। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि मेहुल चोकसी को मुंबई पासपोर्ट ऑफिस से पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) जारी किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, 'इस मुद्दे पर आज कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आ रही हैं। मेहुल चोकसी को पीसीसी मुंबई पॉसपोर्ट ऑफिस से मिला था। जिसका इस्तेमाल उन्होंने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने में किया।' प्रवक्ता ने कहा कि पॉसपोर्ट ऑफिस पीसीसी तभी जारी करता है जब सिस्टम में पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट हो। 16 मार्च, 2017 को सिस्टम में मेहुल चोकसी के खिलाफ कुछ गड़बड़ नहीं मिला था।
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In response to queries regarding Police Clearance Certificate (PCC) issued to Mehul Choksi, spokesperson said: PCC was issued to Choksi by Passport Office, Mumbai, for Antigua & Barbuda on 16/3/17,on basis of clear Police Verification Report (PVR) available on his passport.
— ANI (@ANI) August 3, 2018
चोकसी का अपराध यूपीए शासन मेंः बीजेपी
भाजपा ने आज दावा किया कि भगोड़े उद्योगपति मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के कथित अपराधों को नरेंद्र मोदी की सरकार ने उजागर किया जो उन्होंने यूपीए सरकार के दौरान किये थे। चोकसी के फरार होने में सरकार की मिलीभगत के कांग्रेस के आरोप पर भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने पलटवार करते हुए कहा कि भगोड़े के वकील ने भी एक बयान में दावा किया है कि उसके (चोकसी) विपक्षी दलों के ‘‘बड़े नेताओं’’ के साथ संबंध थे।
उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस भाजपा के खिलाफ आधारहीन आरोप लगा रही है ताकि वह अपने वरिष्ठ नेताओं के उसके साथ संबंधों को लेकर जिन आरोपों का सामना कर रही है उनसे वह ध्यान बंटा सके। यद्यपि लोग इसको लेकर आश्वस्त हैं कि हमने चोकसी के उन अपराधों को उजागर किया जो उसने यूपीए सरकार के दौरान किये थे।’’
क्या है पूरा मामला
एंटीगा सरकार की सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट यूनिट (सीआईयू) ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को लेकर जारी अटकलों पर सफाई दी है। उन्होंने बताया है कि मई 2017 में मेहुल चोकसी का आवेदन मिला था। आवेदन में चोकसी ने सारे जरूरी कागजात जमा किए थे जिसमें एंटीगा ऐंड बारबुडा सिटिजनशिप बाय इन्वेस्टमेंट ऐक्ट 2013 के सेक्शन 5(2)(b) के तहत जरूरी पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी शामिल था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर चोकसी के फरार होने में मदद का आरोप लगाया था।
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