रूस में तालिबान के साथ 11 नवम्बर को हुई वार्ता में भारत ने शामिल होने के बाद सफाई दी है। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मॉस्को बैठक में भारत अनाधिकारिक तौर पर शामिल हो रहा है।
रवीश कुमार ने साफ किया कि रूस ने अफगानिस्तान पर यह बैठक बुलाई थी और भारत ने अनाधिकारिक तौर पर भाग लेने का फैसला किया। रवीश कुमार ने कहा, भारत अफगानिस्तान में शांति और सुलह के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। देश की सुरक्षा और खुशहाली के लिए भारत हमेशा उसके साथ है।
रवीश कुमार ने विदेश नीति पर बात करते हुए कहा, जितने भी कोशिश अभी तक की गई है वह अफगानिस्तान की ओर से किए जाते हैं और हमें लगता है कि यह हमारी नीति के तहत है, हम उसमें शामिल होंगे।
उमर अब्दुल्ला ने मॉस्को मीट में भारत के शामिल होने पर उठाए थे सवाल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने मॉस्को मीट में भारत के शामिल होने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि सरकार अनाधिकारिक तौर पर तालिबान के साथ वार्ता में शामिल हो रही है तो जम्मू-कश्मीर में सभी पक्षों के साथ ऐसी अनाधिकारक वार्ता क्यों नहीं की जाती है?
पीएम मोदी 17 को जाएंगे मालदीव
रवीश कुमार ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। पीएम मोदी 17 नवंबर को मालदीव जाएंगे।
रूस ने कहा- अफगानिस्तान में किसी को भी ‘‘भूराजनीतिक खेल’’ नहीं खेलना चाहिए
रूस ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में किसी को भी ‘‘भूराजनीतिक खेल’’ नहीं खेलना चाहिए क्योंकि उसने तालिबान के साथ सीधी शांति वार्ता शुरू करने के उद्देश्य से ‘‘अनुकूल स्थितियां’’ बनाने के लिए एक प्रमुख सम्मेलन का आयोजन किया।
रूस के विदेश मंत्री सर्जेइ लावरोव ने कहा- तालिबान रूस में प्रतिबंधित है।
रूस के विदेश मंत्री सर्जेइ लावरोव ने अफगानिस्तान पर दूसरी मास्को बैठक की शुरुआत करते हुए कहा कि रूस और क्षेत्र में स्थित अन्य सभी देश अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता स्थापित करने के लिए सभी संभव प्रयास करेंगे। तालिबान रूस में प्रतिबंधित है।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘‘तास’ ने लावरोव के हवाले से कहा, ‘‘अफगानिस्तान के इतिहास में एक नया अध्याय खोलने के लिए हम हर संभव प्रयास करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’’
सभा को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य राष्ट्रीय सुलह-सफाई प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक समावेशी अंतर-अफगान वार्ता को विकसित करना है।
अमेरिकी दूतावास ने शु्क्रवार की चर्चा का हिस्सा बनने के लिए एक राजनयिक को भेजा था। बैठक में अफगानिस्तान, भारत, चीन, पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया था।
अफगानिस्तान में भारत के पूर्व राजदूत अमर सिन्हा और पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त टी.सी.ए. राघवन ने भारत की ओर से मॉस्को बैठक में ‘‘गैर-आधिकारिक’’ स्तर पर शिरकत की।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)