लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने देश में बढ़ती महंगाई और मुद्रा की गिरावट पर मोदी सरकार को घेरते हुए कई सवाल उठाया है। बसपा नेत्री ने भारतीय रुपये के लुढ़कते क्रम को मुद्दा बनाते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई के कारण जनता का मनोबल टूट रहा है। उसमें हताशा आ रही है लेकिन मोदी सरकार को उससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
मायावती ने ट्विटर पर एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। मायावती ने अपने ट्विट में कहा, "भारतीय रुपये की विश्व बाज़ार में लगातार गिरावट भले ही सरकार के प्रतिष्ठा से सीधे तौर पर न जुड़ी हो तथा लोगों को भी इसकी ख़ास चिन्ता न हो, किन्तु इससे देश की अर्थव्यवस्था चरमराती है व मनोबल भी टूटता है। सरकार महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी की तरह रुपये के अवमूल्यन को हल्के में न ले।"
वहीं दूसके ट्वीट में मायावती ने केंद्र सरकार को महंगाई के मुद्दे पर संभल जाने का नसीहत देते हुए अपने कथन में रिजर्व बैंक समेत तमाम मौद्रिक संस्थाओं को चिंताओं को शामिल करते हुए कहा, "विदेशी मुद्रा भण्डार के भी घटकर दो साल के निचले स्तर पर आ जाने की ख़बर सुर्ख़ियों में है व रिज़र्व बैंक व अन्य सभी चिन्तित व व्याकुल। इसलिए सरकार की गलत आर्थिक नीतियों व प्राथमिकताओं का इसे दोष मानने के आरोप-प्रत्यारोप में न उलझ कर इस ओर त्वरित प्रभावी कदम उठाने की ज़रूरत।"
मालूम हो कि बसपा अध्यक्ष मायावती इन दिनों देश के तमाम मुद्दाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए न केवल मोदी और योगी सरकार को घेर रही हैं बल्कि यूपी में विपक्ष की भूमिका निभा रही समाजवादी पार्टी की भी बखूबी आलोचना कर रही हैं।
बीते दिनों मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी यूपी सदन में विपक्षी दल के दायित्वों और कर्तव्यों का निर्वहन करने में पूरी तरह से फेल रही है। यही कारण है कि योगी सरकार निरंकुश तरीके से शासन कर रही है और उसे कानून-व्यवस्था का कोई ख्याल नहीं हैं।