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BSP सुप्रीमो मायावती ने कहा- SC/ST कानून पर कोर्ट के फैसले से खुली बीजेपी-कांग्रेस के दलित प्रेम की पोल

By भाषा | Updated: October 2, 2019 12:27 IST

उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एससी/ एसटी क़ानून के सख़्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है।

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ठळक मुद्देमायावती ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न से संरक्षण) कानून के सख़्त प्रावधानों को बरक़रार रखने के उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले से भाजपा और कांग्रेस के ‘दलित प्रेम’ की पोल खुल गयी है। मायावती ने स्कूली शिक्षा के मामले मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की निम्न रैंकिंग के लिए भी भाजपा और कांग्रेस की ग़लत नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया।

बसपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न से संरक्षण) कानून के सख़्त प्रावधानों को बरक़रार रखने के उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले से भाजपा और कांग्रेस के ‘दलित प्रेम’ की पोल खुल गयी है।मायावती ने अदालत के मंगलवार के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “माननीय उच्चतम न्यायालय ने एससी/एसटी कानून 1989 के प्रावधानों को पुनः बहाल करते हुए कल अपने फैसले में दलित समाज के जीवन की कड़वी वास्तविकताओं और संघर्षों के संबंध में जो तथ्य सत्यापित किए हैं, वे खासकर सत्ताधरी भाजपा और कांग्रेस के ’दलित प्रेम’ की पोल खोलते हैं।”दलित एवं जनजाति समुदायों के अधिकारों की रक्षा के विषय पर मायावती ने देश और समाज को जागरुक बनाने की जरूरत पर भी बल दिया। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एससी/ एसटी क़ानून के सख़्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है।मायावती ने स्कूली शिक्षा के मामले मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की निम्न रैंकिंग के लिए भी भाजपा और कांग्रेस की ग़लत नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट किया, “नीति आयोग की स्कूली शिक्षा संबंधी रैंकिग के मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड देश में सबसे निचले पायदान पर हैं।”मायावती ने पूछा, “देश और प्रदेश में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली पार्टियां खासकर कांग्रेस तथा भाजपा आज गांधी जयंती के दिन क्या जनता को जवाब दे पाएंगी कि ऐसी शर्मनाक जनबदहाली क्यों?” 

टॅग्स :मायावतीबहुजन समाज पार्टी (बसपा)भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसSC/ST एक्टउत्तर प्रदेश
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