अलवर: राजस्थान के अलवर में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र भीषण आग की चपेट में आ गया है। अधिकारियों के अनुसार आग किस वजह से लगी, इस बारे में पता नहीं चल सका है। आग दो दिन पहले लगी और सोमवार शाम को इसने भीषण रूप ले लिया। मंगलवार दोपहर के अपडेट के मुताबिक ये वनक्षेत्र के लगभग पांच से सात वर्ग किलोमीटर में फैल चुका था। इससे अधिकारियों को इस बात की भी चिंता है कि आग वनक्षेत्र से आगे इससे सटे गांव तक न पहुंच जाए। अधिकारियों के अनुसार आग लगने से इस क्षेत्र में बाघों के घूमने और आने-जाने के इलाके भी प्रभावित हुए हैं।
आग बुझाने की कोशिश जारी, वायु सेना भी जुड़ी अभियान से
अधिकारियों के मुताबिक वन विभाग से जुड़े कर्मचारी समेत करीब 150-200 लोग आग पर काबू पाने में लगे हुए हैं। आग बुझाने के लिए सेना के दो हेलीकॉप्टर भी बुलाए गए हैं। भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद से काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
इस बीच एक अधिकारी ने कहा, 'आग प्रभावित क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है।' अलवर की एडीएम सुनीता पंकज ने बताया, 'दो चॉपर मंगवाए गए हैं। जहां सबसे ज़्यादा आग फैली है या फिर जहां पर वन्यजीवों को ज़्यादा खतरा है और आग ग्रामीण क्षेत्र में न बढ़े इसके लिए पहले उन जगहों पर पानी डाला जा रहा है। आग का क्षेत्र काफी विस्तृत हो गया है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व में हैं 27 बाघ
इसी महीने की शुरुआत में ये जानकारी सामने आई थी कि सरिस्का बाघ अभयारण्य में दो नवजात शावक देखे जाने के बाद इस इलाके में शावकों सहित बाघों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्रैप कैमरे से ली गई शावकों की एक तस्वीर ट्विटर पर साझा की थी। उन्होंने लिखा, ‘सरिस्का बाघ अभयारण्य में बाघिन एसटी 17 के नवजात शावकों के रूप में अच्छी खबर ट्रैप कैमरों में कैद हुई है। अब अभयारण्य में कुल 27 बाघ हैं जिनमें नौ बाघ, 11 बाघिन और सात शावक शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि बाघों की बढ़ती संख्या खुशी की बात है।