दिल्ली पुलिस ने मिजामुद्दीन की मरकज मस्जिद का खाली करने के लिए एक हफ्ते पहले ही कह दिया था। पुलिस ने इस बाबत चेतावनी का एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो दिल्ली पुलिस निजामुद्दीन की मरकज मस्जिद के सदस्यों को चेतावनी देती नजर आ रही है। वीडियो में पुलिस कहती दिखाई देती है कि लोग तुरंत मरकज खाली करें और लॉकडाउन के दिशा निर्देशों का पालन करें।
वीडियो में एक पुलिस अधिकारी कुछ मरकज सदस्यों से कहते दिखाई देते हैं, ''अगर मैं आपको यहां बुलाकर बात कर रहा हूं, वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा हूं, ऊपर सीसीटीवी कैमरा है तो उसका कोई परपज है.. बिल्कुल क्लियर इंस्ट्रक्शंस हैं- पांच आदमी से ज्यादा होंगे नहीं, सारे रेलवे स्टेशंस बंद हैं... और ये आप लोगों की सुरक्षा के लिए है.. ये मेरी सुरक्षा के लिए नहीं है, मेरे पर्सनल इंट्रेस्ट के लिए नहीं है.. आप लोगों की सुरक्षा के लिए है.. आप लोग जितना डिस्टेंस मेंटेन करेंगे, उतना ही जी जाएंगे.. बचेंगे.. लाइफ के लिए रिक्वायर्ड रहेंगे...
यहां देंखें पूरा वीडियो...
पुलिस अधिकारी मरकज सदस्यों को आदेश का एक कागज भी देते दिखाई देते हैं और कहते सुनाई देते हैं कि अगर नियम का उल्लंघन हुआ तो वह बहुत सख्त एक्शन लेंगे।
बता दें कि इंडोनेशिया और मलेशिया समेत अनेक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने एक से 15 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन में तबलीगी जमात में भाग लिया था। रविवार रात को मरकज में रह रहे कई लोगों में कोविड-19 के लक्षण नजर आने लगे थे और अर्द्धसैन्य अधिकारियों ने पूरे इलाके को सील कर दिया था लेकिन प्राधिकारियों को इस आयोजन के कारण वायरस के फैलने की आशंका है।
तेलंगाना सरकार ने सोमवार देर रात बताया कि इस सभा में भाग लेने वाले छह लोगों की संक्रमण के कारण मौत हो गई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को बताया कि जमात में भाग लेने वाले 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं और मरकज में रह रहे 440 से अधिक लोगों में बीमारी के लक्षण दिखने के बाद उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन पश्चिम में धार्मिक सभा की अगुवाई करने वाले मौलाना के खिलाफ कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोई जनसभा आयोजित नहीं करने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी सरकारी आदेशों के उल्लंघन को लेकर मामला दर्ज किया है।
पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि अपराध शाखा इस मामले की जांच करेगी।
वहीं, जमात के मुख्यालय मरकज निज़ामुद्दीन ने कहा है कि उसने कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है। उसने अपने परिसर में पृथक केंद्र स्थापित करने की भी पेशकश की है। उसने कहा, ‘‘जब जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, तो बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया तो उसी दिन मरकज बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया।''
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)