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अब नौसेना को भी मिलेंगे राफेल लड़ाकू विमान, पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान 45 हजार करोड़ में हो सकता है सौदा

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 8, 2023 17:30 IST

आइएनएस विक्रांत पर फिलहाल रूसी मिग-29 विमान तैनात हैं। हालांकि तकनीक और ताकत के मामले में राफेल-एम रूसी विमानों से बेहतर है। रक्षा सूत्रों के अनुसार 26 राफेल लड़ाकू विमानों के समुद्री संस्करण को खरीदने का सौदा 45 हजार करोड़ रुपये में होने की संभावना है।

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ठळक मुद्दे14 जुलाई को फ्रांस दौरे पर जाएंगे पीएम मोदीराफेल लड़ाकू विमानों के समुद्री संस्करण को लेकर हो सकता है समझौतासौदा 45 हजार करोड़ रुपये में होने की संभावना है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी 14 जुलाई, 2023 को फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लेंगे । इस दिन को बैस्टिल दिवस के रूप में जाना जाता है, और फ्रांसीसी जनता "स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व" का जश्न मनाने के लिए एकत्र होती है। इस दिन पेरिस के सबसे प्रतिष्ठित एवेन्यू, चैंप्स-एलिसीज़ पर एक सैन्य परेड होती है और इस वर्ष परेड में भारतीय सैनिक भाग लेंगे।

पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान राफेल लड़ाकू विमान को लेकर एक बड़ा सौदा संभव है। राफेल लड़ाकू विमानों के समुद्री संस्करण के लिए फ्रांस और भारत के बीच समझौता हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो भारत पहला देश बन जाएगा जिसे राफेल का नौसेनिक वर्जन मिलेगा। भारत अपने स्वदेशी विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए ये विमान अपने नौसेनिक बेड़े में शामिल करना चाहता है।

आइएनएस विक्रांत पर फिलहाल रूसी मिग-29 विमान तैनात हैं। हालांकि तकनीक और ताकत के मामले में राफेल-एम रूसी विमानों से बेहतर है। रक्षा सूत्रों के अनुसार 26 राफेल लड़ाकू विमानों के समुद्री संस्करण को खरीदने का सौदा 45 हजार करोड़ रुपये में होने की संभावना है।

भारत सरकार और नौसेना पिछले 4 साल से विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत पर तैनात करने के लिए सबसे बेहतर विमान की खोज में थे। आखिर में अमेरिकी कंपनी  बोइंग के एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट और  राफेल लड़ाकू विमानों के समुद्री संस्करण के बीच कड़ी टक्कर हुई। भारतीय नौसेना ने अपने परीक्षणों में राफेल-एम को अपनी जरूरत के हिसाब से बेहतर पाया।

प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा से ठीक पहले ‘रक्षा खरीद परिषद’ सौदे को औपचारिक मंजूरी देने के लिए बैठक करेगी। सूत्रों ने बताया कि रफाल एम पर विशेषज्ञों की सहमति बन चुकी है। बता दें कि भारतीय वायुसेना पहले ही राफेल विमानों का संचालन कर रही है। वायुसेना के पास इन विमानों के रख रखाव के लिए आधार भूत ढांचा भी है। राफेल के संचालन का वायुसेना का अनुभव नौसेना के काम भी आ सकता है। भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं।

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