ठाणेः महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को झटका लगा है। निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में ‘‘प्रमुख आरोपी’’ है।
ठाणे सेशन कोर्ट ने एटीएस को मनसुख हिरन की मौत के मामले की जांच रोकने और केस एनआईए को सौंपने को कहा है। एटीएस द्वारा इस संबंध में एमएचए के आदेश के बावजूद मामला एनआईए को नहीं सौंपने के बाद एनआईए ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर एक एसयूवी मिलने के मामले में गिरफ्तार वाजे 25 मार्च तक राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है। उस वाहन में जिलेटिन की छड़ें थीं। एटीएस ने हिरन की हत्या के मामले में निलंबित पुलिसकर्मी विनायक शिन्दे तथा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौड़ को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था।
इस बीच, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। उधर, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने आज दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की और महाराष्ट्र पुलिस में तबादलों संबंधी कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की मांग की।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दावा किया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा वसूली संबंधी आरोप लगाए जाने के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की जांच में कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद उनके क्रियाकलाप के बारे में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को सही सूचना नहीं दी गई।