नई दिल्ली। साहसी सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता है, यह बात आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गलवान घाटी में चीन की घुसपैठ की घटना के बाद लंबी चुप्पी तोड़ते हुए कही।
मनमोहन सिंह के इस बयान के तुरंत बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी की महत्वपूर्ण सलाह। भारत की भलाई के लिए, मैं आशा करता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी उनकी बात को विनम्रता से मानेंगे।"
मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही कांग्रेस
मोदी सरकार पर चीनी घुसपैठ को लेकर लगातार हमला कर रही कांग्रेस यह तय कर चुकी है कि चीनी घुसपैठ को लेकर सरकार द्वारा फैलाये जा रहे झूठ का हर हाल में पर्दाफाश करना है, मोदी सरकार को बेनकाब करने के लिए कांग्रेस अपने संपर्कों के जरिए तथ्य जुटाने में लगी है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार जब तक सभी तथ्य उसके हाथ नहीं लगते तब तक़ कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपने हमले को जारी रखेगी। मनमोहन सिंह का बयान पार्टी की इसी रणनीति का हिस्सा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने सरकार को याद दिलाया कि आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है।
मोदी का नाम लिए बिना मनमोहन सिंह ने किया हमला
मोदी का बिना नाम लिये उन्होंने तीखा हमला बोला और कहा कि हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है। प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए।
डॉक्टर सिंह ने मोदी को कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के दिनों की भी याद दिलाई कि उसकी चीन को लेकर क्या सोच थी और ऐसे मामलों को वह किस नजरिए से देखती थी
उन्होंने कहा कि चीन ने अप्रैल से लेकर आज तक भारतीय सीमा में गलवान घाटी एवं पांगोंग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है। हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे।
सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने पर काम करे
मनमोहन सिंह ने मोदी को सलाह दी कि प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें।
कांग्रेस नेता का मानना था कि यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा।