इंफाल: सामुदायिक हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में किसानों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने विशेष कदम उठाया है। इस संबंध में सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बीते सोमवार को राजधानी इंफाल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मणिपुर हिंसा प्रभावित किसानो को कृषि कार्यों में कोई परेशानी न आये। इसलिए सरकार उन्हें अतिरिक्त सुरक्षा देगी और इसके लिए लगभग 2,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि चूंकि अब भी पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में हिंसक विद्रोही अवैध हथियारों के साथ घूम रहे हैं, इस कारण राज्य सरकार ने किसानों को सुरक्षा देने के लिए यह फैसला लिया है ताकि वो कृषि कार्य को बिना किसी भय या हिंसा के जारी रख सकें।
उन्होंने कहा, 'चूंकि मानसून के आते ही किसान कृषि कार्यों में लग जाते हैं। इसलिए मणिपुर राइफल्स और इंडियन रिजर्व बटालियन के लगभग 2,000 जवानों को किसानों की सुरक्षा में तैनात किया गया है, ताकि वो निर्बाध तरीके से खेती के काम कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा, “तैनात किये जा रहे सुरक्षाकर्मियों की जिम्मेदारी होगी कि किसानों को सुरक्षा दें और सशस्त्र उपद्रवियों की गड़बड़ी को नाकाम करें।”
सीएम बीरेन सिंह ने यह फैसला उस वक्त लिया है, जब उन्होंने मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों की अपील की कि हिंसक आंदोलन से कृषि कार्यों पर प्रबाव पड़ सकता है क्योंकि किसान हिंसक वातावरण में खेतों में जाने से डर रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात की जानकारी है कि अब भी पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों में हिंसक विद्रोही अवैध हथियारों के साथ घूम रहे हैं। सीएम बीरेन ने कहा, "सरकार जल्द ही बड़े पैमाने पर विद्रोहियों और हथियारों की तलाशी शुरू करेगी। चूंकि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है। इसलिए मैं एक बार फिर से जनता से अपील करता हूं कि छीने गए हथियार और गोला-बारूद सरकार के मालखाने में जमा करा दें।"
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को यह भी बताया कि सरकार कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 5 जुलाई से खोल देगी। वहीं कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई प्रीफैब्रिकेटेड घरों का निर्माण पूरा होने और अलग-अलग स्थानों पर आश्रय लेने वाले विस्थापित लोगों के घर वापसी पर शुरू की जाएंगी।
मालूम हो कि बीते 3 मई से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हिंसा के कारण अब तक 120 से अधिक लोग मारे गए हैं और 60,000 से अधिक लोगों को बेघर होकर राहत कैंपों में रहना पड़ रहा है।
हालांकि सेना, केंद्रीय सुरक्षा बल और राज्य पुलिस ने हिंसा पर नियंत्रण कर लिया, लेकिन बावजूद इसके अब भी छिटपुट गोलीबारी और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही है। बीते रविवार को बिष्णुपुर और चुराचांदपुर जिलों में मैतेई और कुकी के आपसी संघर्ष में चार लोगों की मौत हुई है।