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Manipur Crisis: "शांतिपूर्ण बातचीत शुरू करें, हिंसा रोक दें", मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने की जनता से अपील

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 26, 2023 07:20 IST

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बार फिर राज्य के लोगों से अपील जारी करते हुए कहा कि वो हिंसा रोक दें और जातीय संकट को खत्म करने के लिए यथाशीघ्र शांतिपूर्ण बातचीत की पहल करें।

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ठळक मुद्देमणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बार फिर राज्य के लोगों से शाति की अपील की मणिपुर हिंसा के कारण सूबे को पर्यटन से होने वाली आय में 10 से 20 फीसदी की गिरावट आ गई हैहिंसा के रास्ते पर भटके हुए लोग हमारे हैं, हम उनके खिलाफ बल का उपयोग नहीं कर सकते हैं

इम्फाल: मणिपुर हिंसा के कारण स्थिति बेहद खराब है। यहां तक की सूबे को पर्यटन से होने वाली आय में 10 से 20 फीसदी की गिरावट आ गई है। इस कारण अब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक बार फिर राज्य के लोगों से अपील जारी करते हुए कहा कि वो हिंसा रोक दें और जातीय संकट को खत्म करने के लिए यथाशीघ्र शांतिपूर्ण बातचीत की पहल करें।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीएम बीरेन सिंह ने सूबे की जनता से कहा, "हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हिंसा के कारण पर्यटन पर प्रभाव पड़ा है लेकिन राहत की बात यह है कि विशेष रूप से इंफाल क्षेत्र और दो जिलों को छोड़कर अन्य पहाड़ी हिस्सों में स्थिति सामान्य है लेकिन इसके बावजूद पर्यटन से होने वाली आय में 10 से 20 फीसदी की कमी आयी है।"

सीएम बीरेन ने राजधानी इंफाल में पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा, "भारी हिंसा और संकट के समय में भी इंफाल घाटी में सुरक्षा वाहनों को जाने की अनुमति नहीं थी। हमें कुछ समय लेना होगा क्योंकि सभी हमारे लोग हैं। हम उनके खिलाफ बल का उपयोग नहीं कर सकते। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है। हमें लोगों को शांति के लिए समझाना होगा।"

साल 2023 में मणिपुर में हुई हिंसा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि "हमें उन गुजरे हुए 8 महीनों को नहीं गिनना चाहिए क्योंकि 4-5 ऐसे भी महीने थे, जिनमें राज्य में कोई संकट नहीं था। आप 3 मई से 8 महीने गिन रहे हैं, लेकिन 4-5 महीनों में कोई संकट नहीं था। सब कुछ शांतिपूर्ण था। हमें 8 महीने नहीं बल्कि केवल वह समय गिनना चाहिए, जब संकट आया था।"

जनता से शांति की अपील करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, "समस्या के समाधान में समय लगता है लेकिन इस बीच, मैं देश के सभी नागरिकों, खासकर मणिपुर के नागरिकों से अपील करना चाहता हूं कि वे हिंसा रोकें और शांतिपूर्ण बातचीत शुरू करें। हमें साथ रहना होगा। हमें विस्थापित लोगों को उनके संबंधित स्थानों पर फिर से बसाना होगा। बच्चों को स्कूल जाना है।"

मालूम हो कि कुकी और मैतेई समुदायों से जुड़ी जातीय हिंसा 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद भड़क उठी थी। हिंसा और दंगे जारी रहने और कई लोगों की जान जाने के कारण केंद्र को शांति बहाल करने के लिए मणिपुर में अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा था।

इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार से जातीय हिंसा में नष्ट हुए पूजा स्थलों को बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में अदालत द्वारा नियुक्त समिति को विवरण देने को कहा है।

इस बीच सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त तलाशी अभियान में शनिवार को नोनी जिले के कोबुरु रिज के सामान्य क्षेत्र में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। हथियारों और गोला-बारूद की मौजूदगी के बारे में खुफिया सूचना के आधार पर असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 23 दिसंबर को एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया था।

बताया जा रहा है कि छापेमारी के बाद सुरक्षाबलों ने एक एके 56 राइफल, एक सिंगल बैरल बंदूक, गोला-बारूद, छह ग्रेनेड और युद्ध जैसे घातक हथियारों को बरामद किया है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में बीते 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा है। 

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