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मणिपुर हमला : उग्रवादियों को पकड़ने का अभियान जारी, सीमा पर बढ़ाई जाएगी सुरक्षा

By भाषा | Updated: November 14, 2021 19:43 IST

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इम्फाल, 14 नवंबर मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि म्यामां सीमा पर सुरक्षा कड़ी की जाएगी, जहां से असम राइफल्स के जवानों और उनके परिवार के सदस्यों पर घात लगाकर हमला करने वाले उग्रवादियों ने घुसपैठ की थी।

इम्फाल हवाई अड्डे पर असम राइफल्स के एक कर्नल, उनकी पत्नी, बेटे और चार अन्य जवानों के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गृह विभाग और अर्ध-सैनिक बलों को उग्रवादियों को जल्द से जल्द पकड़ने का निर्देश दिया गया है।

अधिकारियों ने कहा है कि अर्धसैनिक बल असम राइफल्स और राज्य पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से सेखेन गांव के आसपास के जंगलों में एक व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, जहां शनिवार को घात लगा कर हमला किया गया था।

दो उग्रवादी समूहों - पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट - ने शनिवार को संयुक्त रूप से हमले की जिम्मेदारी ली है।

पुष्पांजलि समारोह के बाद संवाददाताओ से बात करते हुए सिंह ने कहा, ''सरकार राज्य में इस तरह की उग्रवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।'’ उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।

असम राइफल्स के काफिले पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि उन्होंने गृह विभाग तथा अर्धसैनिक बलों को कानून के अनुसार ''अपराधियों को गिरफ्तार करने और दंडित करने'' का निर्देश दिया है।

शनिवार को मणिपुर में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनके परिवार के सदस्यों और असम राइफल्स के जवानों के पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर भेज दिया गया है।

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शनिवार को हुए आईईडी विस्फोटों और गोलियों की बौछार में असम राइफल्स की खुगा बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा तथा बेटे अबीर के अलावा देश के सबसे पुराने अर्द्धसैनिक बल असम राइफल्स के चार जवान शहीद हो गए थे।

हमले में मारे गए असम राइफल्स के चार जवानों में आरएफएन श्यामल दास, आरएफएन सुमन स्वर्गियारी, आरएफएन आरपी मीणा और आरएफएन खतनेई कोन्याक शामिल थे।

कर्नल त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जबकि आरएफएन दास पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के रहने वाले थे। आरएफएन स्वर्गियारी असम के बक्सा जिले के निवासी थे। आरएफएन कोन्याक नागालैंड के मोन जिले के जबकि आरएफएन मीणा राजस्थान के दौसा जिले के रहने वाले थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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