मानवता शर्मसार, बीमार और 65 साल की हथिनी से मंगवाते थे भीख, सीतापुर से मुक्त कराया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 17, 2019 10:11 IST2019-11-16T17:08:10+5:302019-11-17T10:11:39+5:30

वन्यजीवों के लिए काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस के अनुसार सीतापुर में इस बीमार व बूढ़ी हथिनी को बुरी तरह से तड़पा-तड़पा कर उससे भीख मंगाई जाती थी। इसके शरीर पर कई गहरे-गहरे घाव हैं। यह ऑस्टियोअर्थराइटिस और बेडसोर के कारण दिनभर तड़पती रहती है।

Manawata was ashamed, sick and begged 65-year-old elephant, freed from Sitapur | मानवता शर्मसार, बीमार और 65 साल की हथिनी से मंगवाते थे भीख, सीतापुर से मुक्त कराया

इसका इलाज चल रहा है जल्द ही यह स्वस्थ हो जाएगी।

Highlightsमामले का पता चलने पर वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने वन विभाग के सहयोग से उसे सीतापुर से मुक्त कराया।चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुनील पाण्डेय ने कहा,‘‘ हमें यह देखकर राहत मिली कि गंभीर रूप से घायल हथिनी अस्पताल में सुरक्षित आ गई है।

उत्तर प्रदेश के वन विभाग और वन्यजीवों के लिए काम करने वाली एक संस्था ने सीतापुर से 65 वर्ष की एक हथिनी को मुक्त कराकर इलाज के लिए मथुरा के चुरमुरा गांव में स्थित देश के एकमात्र ‘हाथी अस्पताल’ में भर्ती कराया है।

वन्यजीवों के लिए काम करने वाली संस्था वाइल्डलाइफ एसओएस के अनुसार सीतापुर में इस बीमार व बूढ़ी हथिनी को बुरी तरह से तड़पा-तड़पा कर उससे भीख मंगाई जाती थी। इसके शरीर पर कई गहरे-गहरे घाव हैं। यह ऑस्टियोअर्थराइटिस और बेडसोर के कारण दिनभर तड़पती रहती है।

मामले का पता चलने पर वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने वन विभाग के सहयोग से उसे सीतापुर से मुक्त कराया और उसे एक विशेष एंबुलेंस में दो दिन पूर्व मथुरा लाया गया। उत्तर प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुनील पाण्डेय ने कहा,‘‘ हमें यह देखकर राहत मिली कि गंभीर रूप से घायल हथिनी अस्पताल में सुरक्षित आ गई है। इसका इलाज चल रहा है जल्द ही यह स्वस्थ हो जाएगी।’’

Web Title: Manawata was ashamed, sick and begged 65-year-old elephant, freed from Sitapur

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