नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संदेशखाली केस में बिना पूर्व अनुमति के सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने की चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को वैध करार दिया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने याचिका को स्वीकारते हुए केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया।
इस याचिका में ये बताया गया है कि राज्य सरकार की सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच कर रही है। शीर्ष अदालत ने राज्य में सीबीआई जांच पर पश्चिम बंगाल सरकार के मुकदमे की अगली सुनवाई 13 अगस्त को करेगा, तब तक कोर्ट को स्थगित कर दिया गया। बंगाल सरकार ने 2018 में केंद्रीय एजेंसी को जांच के लिए राज्य द्वारा अपनी सामान्य सहमति वापस लेने के बावजूद मामले दर्ज करने पर सीबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को ममता बनर्जी सरकार द्वारा दायर मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल शामिल हुए, उन्होंने कोर्ट में बताया कि राज्य ने 16 नवंबर, 2018 को अपनी सहमति वापस ले ली थी, तो केंद्र जांच एजेंसी को जांच के लिए राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे सकता था।