कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा के लिए बीजेपी ने राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया था। बीजेपी ने चुनावी हिंसा के तथ्यों की जांच के लिए रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक टीम भी भेजी थी जिसने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों से बात की। इसके बाद रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कान्फ्रेंस में कि ममता ने पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को शर्मसार किया है।
बीजेपी के आरोपों से भड़की ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव के वोटों की जारी गिनती के बीच ही प्रेस कांन्फ्रेंस की और बीजेपी, कांग्रेस सहित वामदलों पर जमकर बरसीं। ममता ने कहा कि 'राम, श्याम और वाम' ने मिलकर चुनाव में हिंसा की साजिश रची। राम से उनका मतलब बीजेपी, श्याम से कांग्रेस और वाम से वामपंथी दलों से था।
ममता ने कहा कि मैं हिंसा को सपोर्ट नहीं करती, ना ही नफरत और हिंसा की राजनीति में पड़ती हूं> मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि राम, श्याम और वाम ने मिलकर चुनाव में खलल डालने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया।
बीजेपी द्वारा बंगाल में फैक्ट चेक टीम भेजे जाने से नाराज ममता ने कहा, "जब मणिपुर जल रहा था तब फैक्टचेक टीम कहां थी? जब असम एनआरसी के कारण जल रहा था तब यह टीम कहां थी? कितने आयोगों ने इन स्थानों का दौरा किया? 2 साल के भीतर, करीब 154 टीमों ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया है। ये भाजपा उकसाने वाली समितियां हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि (पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान) इतने सारे लोग मारे गए। वे परिस्थितियों के शिकार हैं। मैंने पुलिस से कार्रवाई करने को कहा है।"
ममता बनर्जी ने आगे कहा, "जिन 19 लोगों की मौत हुई है, उन्हें 2-2 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के सदस्य को स्पेशल होम गार्ड की नौकरी दी जाएगी। इनमें टीएमसी के 10 लोग शामिल हैं। हम उस पार्टी के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे जो मर गए हैं, उन सभी को सरकार की ओर से मुआवजा और नौकरी दी जाएगी।"