पश्चिम बंगाल की मुख्समंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में नहीं जाने का फैसला किया है। ममता ने ट्वीट किया कि वह पहले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में जानी चाहती थी लेकिन राजनीतिक हिंसा की बात कर बीजेपी ने उन्हें एक तरह से नहीं आने के लिए मजबूर किया। ममता ने ट्वीट किया, 'शपथ ग्रहण समारोह लोकतंत्र का पर्व मनाने का एक मौका होता है न कि किसी राजनीति पार्टी को छोटा कर या उसे कमतर आंकने का।'
ममता ने लिखा, 'नये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई। यह मेरी योजना थी कि मैं शपथग्रहण समारोह में जाऊंगी। हालांकि, पिछले एक घंटे में मैं जो मीडिया रिपोर्ट्स देख रही हूं, उसमें बीजेपी दावा कर रही है कि बंगाल की राजनीतिक हिंसा में 54 लोगों का मर्डर किया गया। यह पूरी तरह से गलत है।'
ममता ने आगे लिखा, 'बंगाल में कोई राजनीतिक मर्डर नहीं हुआ। यह मौत व्यक्तिगत दुश्मनी, परिवारों के झगड़े और दूसरे विवादों के कारण हुए होंगे। इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हमारे पासे ऐसे कोई रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि नरेंद्र मोदी जी ने मुझे ये कदम उठाने के लिए मजबूर किया है। इसलिए मुझे माफ कीजिए।'
इससे पहले मंगलवार को ममता बनर्जी ने कहा था कि वह 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेंगी। राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में ममता ने कहा कि शपथ-ग्रहण समारोह के लिए मंगलवार को न्योता आया और वह 'संवैधानिक शिष्टाचार' के नाते इसमें शिरकत करेंगी। ममता ने कहा था, 'मैंने कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों से भी बात की और इसमें शिरकत करने का फैसला किया।'
गौरतलब है कि बीजेपी ने उन कार्यकर्ताओं के परिवारजनों को भी पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह में दिल्ली आमंत्रित किया है, जिन्हें पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी थी।