जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा होंगे महेंद्र सिंह धोनी!
By सुरेश डुग्गर | Published: July 25, 2019 03:52 PM2019-07-25T15:52:52+5:302019-07-25T15:52:52+5:30
महेंद्र सिंह धोनी जिस विक्टर फोर्स की यूनिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं वह कश्मीर में चलाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी अहम भूमिका निभाती रही है।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्या कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा भी बनेंगे। यह सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि धोनी ने अगले 15 दिन अब सेना में अपनी सेवाएं देने की घोषणा की है और वह 31 जुलाई को 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) ज्वॉइन करेंगे। धोनी ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह वेस्ट इंडीज दौरे पर टीम के साथ नहीं रहेंगे।
दरअसल, धोनी जिस विक्टर फोर्स की यूनिट का हिस्सा बनने जा रहे हैं वह कश्मीर में चलाए जाने वाले आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी अहम भूमिका निभाती रही है। यह बात अलग है कि अमरनाथ यात्रा की शुरूआत के साथ ही कश्मीर में आतंकवादियों का सिर दबा कर रखा गया है और मात्र दो घटनाओं को छोड़ कोई मुठभेड़ कश्मीर में नहीं हुई है।
वैसे इसके प्रति यह कहा जा रहा है कि सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच ऐसा करने का एक 'मौखिक समझौता' हुआ है और जब धोनी वापस लौटेंगें उसी दिन अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी तथा यह 'मौखिक समझौता' भी खत्म हो जाएगा।
लेफ्टिनेंट कर्नल (मानद उपाधि) धोनी के बारे में जानकारी दी गई है कि वह पैरा रेजिमेंट का हिस्सा होंगे। वह 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) के साथ 31 जुलाई से 15 अगस्त तक रहेंगे। यह यूनिट कश्मीर में है और विक्टर फोर्स का हिस्सा है। धोनी के जिम्मे पैट्रोलिंग, गार्ड और पोस्ट की ड्यूटी रहेगी। वह जवानों के साथ ही रहेंगे।
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम अगले महीने से वेस्ट इंडीज के दौरे पर रहेगी। इस दौरान धोनी की जगह युवा ऋषभ पंत विकेटकीपिंग का जिम्मा संभालेंगे। इससे पहले धोनी ने बीसीसीआई को कहा था कि वह टीम इंडिया के वेस्ट इंडीज दौरे के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे।
माना जा रहा था कि वर्ल्ड कप-2019 के बाद धोनी क्रिकेट को अलविदा कह देंगे और उनके संन्यास को लेकर पिछले काफी समय से अटकलें चल रही हैं।