नागपुर/नई दिल्लीः राजनीति में कुछ भी संभव है। शिवसेना (उबाठा) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में विधान भवन परिसर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। उनकी यह मुलाकात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति से हार के कुछ सप्ताह बाद हुई।
पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटण के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री के कार्यालय में उनसे मुलाकात की और उन्हें किसानों के खेत से लाई गई अनार की एक पेटी भेंट की। हाल ही में, पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में फरवरी में आयोजित होने वाले 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया था।
प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद पवार ने कहा, ‘‘मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की।’’ पिछले माह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, राकांपा (एसपी), शिवसेना (उबाठा) वाले गठबंधन एमवीए को भाजपा, शिवसेना, राकांपा वाले गठबंधन महायुति से करारी हार मिली थी। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीट में से महायुति ने 235 और एमवीए ने 46 सीट जीती हैं।
उद्धव ने नागपुर में मुख्यमंत्री फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर से मुलाकात की
उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में विधान भवन परिसर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। आदित्य ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने और उनके पिता ने फडणवीस और नार्वेकर को शुभकामनाएं दीं। पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘हमने राजनीतिक परिपक्वता दिखाने की दिशा में कदम बढ़ाने और महाराष्ट्र के लोगों के हित में मिलकर काम करने के बारे में बात की।’’ आदित्य ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।
फडणवीस के साथ इस मुलाकात के दौरान उद्धव के साथ शिवसेना (उबाठा) के अनिल परब और वरुण सरदेसाई भी मौजूद रहे। यह मुलाकात फडणवीस के कक्ष में हुई। राज्य विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस समय नागपुर में चल रहा है। महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा विपक्ष के नेता के बिना है, क्योंकि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के तीनों घटक दलों में से कोई भी 20 नवंबर को हुए चुनावों में 10 प्रतिशत सीटें नहीं जीत सका था। महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी।
महायुति गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) सिर्फ 46 सीट ही जीत सका। एमवीए में कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उबाठा) शामिल हैं। भाजपा को 132 सीट मिलीं, जबकि शिवसेना को 57 और राकांपा को 41 सीट हासिल हुईं।
एमवीए में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 सीट जीतीं, जबकि कांग्रेस को 16 और शिवसेना (उबाठा) को 20 सीट मिलीं। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की भारी जीत के बाद राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद किसी को नहीं मिल सकेगा, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन के बाहर कोई भी दल इसके लिए अनिवार्य 29 सीट हासिल नहीं कर सका।
वर्ष 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद साझा करने के मुद्दे को लेकर लंबे समय से सहयोगी रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ संबंध तोड़ लिए थे।