Maharashtra New CM: क्या आप सीएम बनने जा रहे, कुछ भी नहीं बोलते हुए बस हाथ जोड़ लिया?, देवेंद्र फड़नवीस ने कहा- महायुति में कोई मतभेद नहीं
By फहीम ख़ान | Updated: November 27, 2024 20:38 IST2024-11-27T20:36:33+5:302024-11-27T20:38:07+5:30
Maharashtra New CM: देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाने की है, इस सवाल पर उन्होंने कुछ भी नहीं बोलते हुए बस हाथ जोड़ लिए.

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नागपुर: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर गुरुवार को फैसला होने की संभावना है. इस बीच उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने स्पष्ट किया है कि महायुति में कोई मतभेद नहीं है. किसी के मन में कोई भ्रम नहीं है. वे मुंबई जाने से पहले प्रसार माध्यम से बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि महायुति में हम सब एकत्र हैं. एकनाथ शिंदे, अजित पवार एवं हमारे बीच में कोई मतभेद नहीं. सभी फैसले साथ बैठकर लिए जाएंगे. चुनाव से पहले भी हमने यही कहा था. हमारे पार्टी के नेता साथ बैठकर फैसला लेंगे. किसी के मन में कोई किंतु-परंतु नहीं.
एकनाथ शिंदे ने भी अपनी भूमिका को स्पष्ट कर राजनीतिक क्षेत्र के कुछ लोगों के मन के भ्रम को दूर कर दिया है. कार्यकर्ताओं की इच्छा देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाने की है, इस सवाल पर उन्होंने कुछ भी नहीं बोलते हुए बस हाथ जोड़ लिए.
शिंदे की भूमिका महायुति को मजबूत करने वाली
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा सरकार गठन को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट करने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उनका आभार माना है. उन्होंने कहा कि महायुति नेताओं की लडाई मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं बल्कि प्रदेश की 14 करोड़ जनता के लिए थी. उधर महाविकास आघाड़ी केवल मुख्यमंत्री पद के लिए लड़ रही थी. शिंदे एक मजबूत नेता हैं.
उनकी भूमिका महायुति को मजबूती देने वाली है. उनकी वजह से महायुति और मजबूत हुई है. बावनकुले यहां पत्र परिषद को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जनता ने महायुति पर विश्वास जताया है. फैसले के बाद विपक्षी एकनाथ शिंदे के नाराज होने की बात फैलाने लगे. लेकिन शिंदे ने खुल कर अपनी भूमिका रखकर विपक्ष को करारा जवाब दिया.
शिंदे ने स्पष्ट कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह जो फैसला लेेंगे वह मान्य होगा. बावनकुले ने इसके लिए शिंदे का आभार मानते हुए कहा कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए मौलिक कार्य किए हैं. उनके रूप में राज्य को एक मजबूत मुख्यमंंत्री मिला. शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में समाज के हर घटक को न्याय दिया.
महायुति के नेता के रूप में अब उन्होंने जो भूमिका ली वह राज्य के लिए योग्य है. शिंदे वास्तव में रोने वाले नहीं बल्कि लड़ने वाले नेता हैं. उन्होंने स्पष्ट कहा कि महायुति अभेद्य है. एकनाथ शिंदे ने यह सिद्ध भी कर दिया है.
हारने पर ही ईवीएम खराब क्यों होता है
बावनकुले ने कहा कि जब महाविकास आघाड़ी चुनाव हारती है तब ईवीएम खराब हो जाता है. लेकिन जीत मिलने पर उसे ईवीएम में कोई दोष नहीं दिखता. लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सीट नहीं मिलने पर हमने ईवीएम पर आरोप नहीं लगाए. हमने आत्ममंथन किया.
जनता में जा कर काम किया. लेकिन कांग्रेस एवं महाविकास आघाड़ी के नेता मुंह जोरी कर रहे है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने ईवीएम पर आरोप लगाने के स्थान पर साकोली जाकर मंथन करना चाहिए कि उन्हें इतने कम वोट क्यों मिले.