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Locust attack: नागपुर के अजनी गांव में टिड्डी दल, ड्रोन से छिड़के जा रहे कीटनाशक, कई राज्यों में फैला आतंक

By भाषा | Updated: June 10, 2020 15:08 IST

टिड्डियों ने महाराष्ट्र के नागपुर में हमला किया है। पेंच टाइगर रिजर्व से होते हुए अजनी गांव में दाखिल हुआ है। इस समय किसान धान के बुवाई में व्यस्त हो गए हैं।

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ठळक मुद्देब तक फसलों को नुकसान पहुंचने की कोई खबर सामने नहीं आयी है। टिड्डियों का दल मंगलवार को पेंच टाइगर रिजर्व में उतरा।संरक्षित क्षेत्र होने के कारण वहां कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया था।

नागपुरः टिड्डियों का दल पेंच टाइगर रिजर्व से महाराष्ट्र के नागपुर जिले में अजनी गांव की ओर बढ़ गया है। इस इलाके में ड्रोन का उपयोग कर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया था।

एक कृषि अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक फसलों को नुकसान पहुंचने की कोई खबर सामने नहीं आयी है। टिड्डियों का दल मंगलवार को पेंच टाइगर रिजर्व में उतरा। यह रिजर्व महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है।

संरक्षित क्षेत्र होने के कारण वहां कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया था। अधिकारी ने कहा कि उसके बाद टिड्डी दल नागपुर के रामटेक तहसील में अजनी की ओर बढ़ गए। संभागीय संयुक्त निदेशक कृषि रवि भोसले ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बुधवार सुबह अजनी में ड्रोन का इस्तेमाल कर राज्य कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की मौजूदगी में पेड़-पौधों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया गया।’’

उन्होंने कहा कि टिड्डे ज्यादातर बेर, बबूल और अंजनी पेड़ों पर बैठे पाए गए। भोसले ने कहा, ‘‘क्षेत्र में धान की बुवाई होनी बाकी है। खेतों में फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि टिड्डी दल अब जिले के मौदा तहसील की ओर बढ़ रहा है।

टिड्डी दल को रोकने के लिए विदेशों से मशीनें मंगायी जा रही : कृषि मंत्री तोमर

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में टिड्डी दल को रोकने के लिए ड्रोन से छिड़काव करने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए विदेशों से मशीनें मंगायी जा रही है । वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये मीडिया से बात करते हुए तोमर ने कहा, ‘‘टिड्डी दल को रोकने के लिए ड्रोन से छिड़काव करने की योजना पर काम चल रहा है और इसके लिए विदेश से मशीनें मंगायी जा रही है।

कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन हो गया, जिसके कारण समय रहते ये मशीनें नहीं आ सकी। लेकिन, अब जून और जुलाई के अंत तक मशीनें मिल जाएंगी, जिससे तेजी से टिड्डी दल को नियंत्रित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अभी ज्यादा चिंता की बात नहीं है, क्योंकि समय पर सूचना मिलने के कारण टिड्डी दल को नियंत्रित करने का काम शुरू हो गया है।

देश के राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में टिड्डी दल ने फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू किया है। केन्द्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। उम्मीद है कि सितंबर महीने के अंत तक यह प्रकोप पूरी तरह काबू में होगा। उन्होंने बताया कि अभी तक 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी दल के नुकसान को रोका गया है। उन्होंने कहा कि जो भी फसल को नुकसान होगा, उसका आकलन राज्य सरकारें करेंगी और रिपोर्ट केन्द्र को भेजेगी।

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