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महाराष्ट्र में भारी बारिशः सीएम उद्धव बोले- केंद्र से मदद मांगने में हर्ज नहीं, पीएम से मिला है आश्वासन

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 19, 2020 17:26 IST

महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से पुणे के उरूली कांचन, शिंदवने और वलाती गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाडा में भारी बारिश से प्रभावित इलाकों के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।

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ठळक मुद्देठाकरे के साथ राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट और राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वड्डेटिवार आज सुबह सोलापुर जिले के अक्कलकोट तहसील पहुंचे।फड़नवीस ने बारामती के आसपास और पुणे जिले के दौंड तहसील का मुआयना किया और मुख्यमंत्री से तत्काल राहत पैकेज जारी करने की मांग की।राज्य सरकार को प्रभावित किसानों की मदद करने की प्राथमिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।

पुणेः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र पर भरोसा है। बारिश से हुए नुकसान से किसानों को उबारने के लिए केंद्र से मदद मांगने में हर्ज नहीं, पीएम से आश्वासन मिला है। पीएम ने कहा कि हर संभव मदद करेंगे। राज्य में भलाई के लिए किसी से मदद की जरूरत है तो संकोच नहीं करना चाहिए। जनता ही सबकुछ है। उसे कष्ट नहीं होना चाहिए।

महाराष्ट्र में भारी बारिश की वजह से पुणे के उरूली कांचन, शिंदवने और वलाती गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाडा में भारी बारिश से प्रभावित इलाकों के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद हुई क्षति का जायजा लेने के लिए सोमवार को यात्राएं शुरू की।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा अब भी बना हुआ है और उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार प्रभावित लोगों की हरसंभव तरीके से सहायता करेगी।

पुणे, औरंगाबाद और कोंकण क्षेत्र में कम से कम 48 लोगों की मौत

बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद सोलापुर जिले में ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले हफ्ते मॉनसून लौटने के दौरान शुरू हुई भारी बारिश के समय से ही वह स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। पिछले हफ्ते भारी बारिश और बाढ़ के कारण पुणे, औरंगाबाद और कोंकण क्षेत्र में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई, जबकि लाखों हेक्टेयर जमीन पर लगी फसलें बर्बाद हो गईं।

ठाकरे ने कहा, ‘‘मौसम ब्यूरो ने चेतावनी दी है कि आगामी दिनों में और बारिश होगी। मैं यहां स्थिति का आकलन करने और पंचनामा करने आया हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संकट समाप्त होने के बाद हम हरसंभव तरीके से सहयोग करेंगे। मैं अभी कोई घोषणा नहीं करूंगा।’’ इससे पहले उन्होंने दस महिलाओं को चार-चार लाख रुपये का चेक दिया जिनके परिवार के सदस्यों की बाढ़ के कारण मौत हो गई। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से यह सहयोग राशि दी।

विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फड़नवीस के इस बयान पर कि राज्य सरकार को सहयोग के लिए केंद्र की तरफ देखना बंद कर देना चाहिए, ठाकरे ने कहा, ‘‘इसमें गलत क्या है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र कोई विदेश की सरकार नहीं है। उसका काम देश एवं राज्यों की देखभाल करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मुझे फोन किया और केंद्र की तरफ से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ राहत को लेकर राजनीति करने की जरूरत नहीं है और राज्य के कल्याण के लिए हर किसी को एकजुट होना चाहिए।’’

ठाकरे के साथ राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट और राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वड्डेटिवार आज सुबह सोलापुर जिले के अक्कलकोट तहसील पहुंचे। सोलापुर के सांगवी गांव में स्थिति की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

ठाकरे का काफिला बारिश प्रभावित गांव के निकट जब पुल के पास पहुंचा तो मुख्यमंत्री वाहन से बाहर निकले और उन्होंने पुल पर खड़े होकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने नाखुशी जाहिर की और कहा कि मुख्यमंत्री को स्थिति की समीक्षा करने के लिए प्रभावित स्थलों पर आना चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री ने सांगवी गांव में रास्ते में कुछ ग्रामीणों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और सहायता मुहैया कराएगी।

उन्होंने ग्रामीणों को मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि परेशान न हो, हर संभव सहायता पहुंचाई जाएगी। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बारामती के आसपास और पुणे जिले के दौंड तहसील का मुआयना किया और मुख्यमंत्री से तत्काल राहत पैकेज जारी करने की मांग की।

फड़नवीस यहां कुछ खेतों में गए और भारी बारिश से फसलों को पहुंची क्षति पर नजर डाली और कहा कि केंद्र सरकार मदद को तैयार है लेकिन राज्य सरकार को प्रभावित किसानों की मदद करने की प्राथमिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटना चाहिए।

फड़नवीस ने कहा, ‘’ जब मैं पिछले साल मुख्यमंत्री था और राज्य में बाढ़ आई तो मैंने बिना केंद्र सरकार के कोष के बारे में सोचे 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।’’ उनसे जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री को लिखी गई चिट्ठी पर राकांपा प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ क्या यह समय राज्यपाल पर हमले का है? मतभेद तब भी होते हैं जब राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार रहती है।’’ 

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