महाराष्ट्र को रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए ₹15,940 करोड़, 2026 से चलेगी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन
By आनंद शर्मा | Updated: July 24, 2024 20:49 IST2024-07-24T20:47:39+5:302024-07-24T20:49:24+5:30
वैष्णव ने कहा कि महाराष्ट्र में अमृत भारत स्टेशन प्रोजेक्ट के तहत 118 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है. राज्य में रेल पटरियों का विद्युतीकरण का कार्य शतप्रतिशत पूरा हो गया है.

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव
नागपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2024-25 के आम बजट में रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए महाराष्ट्र की झोली में 15,940 करोड़ रुपए दिए हैं. यह बढ़ोतरी बीते वर्षों की तुलना में 13.5 गुना अधिक होने की जानकारी रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को हुई ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि कांग्रेस प्रणित यूपीए सरकार के दौर में महाराष्ट्र को रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए 1,171 करोड़ रुपए मिलते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे हर साल बढ़ाया और अब इस साल यह 13.5 गुना अधिक हो गया है.
वहीं, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की राज्य सरकार अस्तित्व में आने के बाद से रेलवे प्रोजेक्ट्स तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. वैष्णव ने कहा कि महाराष्ट्र में नई रेल लाइन, दोहरी, तीसरी, चौथी रेल लाइन प्रोजेक्ट्स के लिए 81 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है. इसके अलावा स्टेशन पुनर्विकास, फ्रेट कॉरिडोर, बुलेट ट्रेन, हाईस्पीड रैक, गतिशक्ति, टर्मिनल आदि जैसे अन्य प्रोजेक्ट्स को इसमें जोड़ लिया जाए तो यह आंकड़ा 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपए होता है.
महाराष्ट्र में हर साल 180 किलोमीटर के नए रेलवे ट्रैक बन रहे हैं. जबकि, यूपीए सरकार के दौर में यह आंकड़ा महज 50-60 किलोमीटर/वर्ष था. वैष्णव ने कहा कि महाराष्ट्र में अमृत भारत स्टेशन प्रोजेक्ट के तहत 118 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है. राज्य में रेल पटरियों का विद्युतीकरण का कार्य शतप्रतिशत पूरा हो गया है. यहां 929 आरयूबी और आरओबी बन चुके हैं.
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से मुंबई, ठाणे, वापी, बड़ौदा, आणंंद एवं अहमदाबाद इन बड़े आर्थिक शहरों में अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. वर्तमान में महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का कार्य संतोषजनक स्थिति में है. यहां भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा हो चुका है. अब कोई बड़ा मसला नहीं है. निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. इससे वर्ष 2026 से बुलेट ट्रेन चलाने का लक्ष्य रखा गया है.
कवच 4.0 वर्जन को आरडीएसओ की मंजूरी
रेल हादसों को टालने के लिए वर्ष 2016 में कवच सिस्टम का पहला वर्जन बना और 2019 में इसे प्रमाणपत्र मिला. इसका पेटेंट भी हुआ. भारतीय कवच सिस्टम यूरोप की तुलना में अत्याधुनिक है. कवच के 1, 2,3 वर्जन के बाद अब 4.0 वर्जन को गत सप्ताह ही आरडीएसओ ने मंजूरी दी है. इससे आगामी समय में तेजी के साथ कवच सिस्टम संपूर्ण भारतीय रेलवे में स्थापित करने की बात रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कही. इसके तहत रेलवे ट्रैक पर ओएफसी के बल, टेलीकॉम टॉवर, स्टेशन पर डाटा सेंटर, ट्रेनों में कवच सिस्टम लगाने जैसे काम होंगे.
2 साल में बनेगी 10 हजार जनरल बोगी
आम रेलयात्रियों की दिक्कतों को दूर करने की दृष्टि से भारतीय रेलवे द्वारा इस वर्ष 2500 जनरल कोच बना रहा है. अगले दो सालों में यह संख्या बढ़कर 10 हजार होने की बात रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कही. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे द्वारा बड़े पैमाने पर विकास कार्य किए जाने से वहां ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने यात्रियों से सहयोग की अपील भी इस दौरान की.