Mahakumbh Stampede 2025 Live: मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। घटना के लगभग 16 घंटे बाद बुधवार शाम को भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) वैभव कृष्ण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस हादसे में 60 अन्य जख्मी हुए हैं। इस बीच सरकार ने राहत की घोषणा की है।
महाकुंभ भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम राज्य सरकार की ओर से हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिवार को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की भी घोषणा कर रहे हैं। न्यायिक आयोग इस पूरे मामले की जांच करेगा। मामले की जांच कर समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपें। घटना अत्यंत दुखद है मृतकों के प्रति मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है।
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है। उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। इस घटना की पूरी जांच करवा करके हम इसकी तह में जाएंगे। इसके अलावा पुलिस के स्तर पर भी हम लोग इसकी अलग से जांच करवाएंगे कि ये घटना किन कारणों की वजह से हुई है। संगम तट पर एक दुर्भाग्यपूर्ण हदासा हुआ। घटना दुखद है उन सभी परिजनों के प्रति हमारी पूरी संवेदना है।
इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी स्वयं एक बार प्रयागराज का दौरा करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उन सभी मुद्दों को देखेंगे। उन्होंने बताया कि मृतकों में से 25 लोगों की पहचान हो चुकी है जबकि शेष की शिनाख्त की जानी है। अधिकारी ने बताया कि मृतकों में कर्नाटक के चार, असम और गुजरात से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
डीआईजी के मुताबिक, 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है तथा कुछ घायलों के परिजन उन्हें लेकर चले गए हैं। कृष्ण ने घटना की वजह के बारे में बताया कि मौनी अमावस्या के मुख्य स्नान पर्व पर ब्रह्म मुहूर्त से मंगलवार देर रात एक से दो बजे के मध्य मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना और उस दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरिकेट्स टूट गए।
उन्होंने बताया, “घाट पर ब्रह्म मुहूर्त के स्नान के इंतजार में बैठे और कुछ लेटे हुए श्रद्धालुओं को इस भीड़ ने कुचलना शुरू कर दिया। हालांकि प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए कॉरिडोर बनाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया, लेकिन उसमें से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई।”
मेला डीआईजी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है जिस पर यदि कोई व्यक्ति लापता है तो उसके संबंध में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि 29 जनवरी के स्नान के लिए शासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं देने के लिए सख्त निर्देश दिए थे।
कृष्ण ने बताया कि उसके अनुरूप मेला प्रशासन ने कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल को नहीं माना और तीन फरवरी को बसंत पंचमी पर्व पर भी काफी भीड़ होने की संभावना है और उसमें भी वीआईपी प्रोटोकॉल को लागू नहीं किया जाएगा। मेला अधिकारी विजय किरन आनंद ने कहा कि मेला प्रशासन की प्राथमिकता है कि जो भी लोग स्नान करने आए हुए हैं, वे सुरक्षित अपने गंतव्य तक वापस पहुंचे।