Mahakumbh Stampede 2025: उत्तर प्रदेश सरकार की आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं और तत्परता ने प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मची भगदड़ को बड़ा रूप लेने से रोक दिया। घटना में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाकर दो से तीन मिनट के भीतर 50 से अधिक एंबुलेंस संगम क्षेत्र में पहुंच गईं और लोगों की जान बचाने के लिए एम्बुलेंस से 100 से अधिक फेरे लगाए गये। महाकुंभ के संगम क्षेत्र में मंगलवार देर रात पवित्र स्नान करने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के पहुंचने से मची भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई जबकि 60 अन्य घायल हो गए।
इसके साथ ही दो से तीन मिनट के भीतर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला और इस दौरान राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और पुलिस टीम भी चिकित्सकों के साथ घायलों की मदद में जुटी रही। महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना चिकित्सक गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभनगर में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों का उपचार किया। हादसे के बाद ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाकर एंबुलेंस पूरी रफ्तार से घटनास्थल तक पहुंचीं।
सिर्फ दो से तीन मिनट के भीतर विशेषज्ञ चिकित्सकों और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया। एक बयान के मुताबिक, 50 से अधिक एंबुलेंस ने बिना रुके फर्राटा भरा और घायलों को तत्काल केंद्रीय अस्पताल पहुंचाया। बयान में बताया गया कि घटनास्थल पर ही घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर मरीजों को सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया।
जहां उनका इलाज किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर कुछ मरीजों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) स्थानांतरित किया गया। एक बयान के मुताबिक, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने भी चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस की आवाजाही में सहयोग दिया।