Mahakumbh Stampede 2025 Live: मौनी अमावस्या पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि देश के तीनों शंकराचार्य आज यहां पवित्र स्नान करने जा रहे हैं। कल देर रात हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और सभी दुखी हैं लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिए कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो। मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे धैर्य रखें और कुंभ क्षेत्र में कहीं भी पवित्र स्नान करें। ऐसा कोई विशेष स्थान नहीं है जहां श्रद्धालु डुबकी लगाने के लिए एकत्र हों। योगी सरकार हेलीकॉप्टर से पुष्प बारिश कर रही है।
महाकुंभ मेले में विभिन्न अखाड़ों का मौनी अमावस्या पर्व पर अमृत स्नान प्रारंभ हो गया है। मंगलवार देर रात संगम नोज के पास हुई भगदड़ की घटना के कारण अखाड़ों का अमृत स्नान सुबह टल गया था और भीड़ नियंत्रित होने के बाद दोपहर में यह विलंब से शुरू हुआ।
एक संत ने बताया कि अमृत स्नान के लिए क्रम में सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु सन्यासी अमृत स्नान कर रहे हैं और क्रम में दूसरे स्थान पर श्री निरंजनी अखाड़ा के साधु संत अमृत स्नान करने के लिए संगम घाट की तरफ बढ़ रहे हैं।
अखाड़ों के साधु संतों में अमृत स्नान को लेकर पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा क्योंकि भगदड़ की घटना से सभी साधु संत व्यथित हैं। हालांकि अखाड़ों के महंत, श्रीमहंत और पीठाधीश्वर अपने पारंपरिक जुलूस, धर्मध्वजा और आराध्य देव की पालकी के साथ अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बुधवार को सुबह कहा था कि महाकुंभ में भगदड़ को देखते हुए संतों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान सुबह टाल दिया था, लेकिन भीड़ कम होने पर अखाड़े अमृत स्नान करेंगे। बुधवार तड़के संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ मच गई थी, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए और उनका इलाज मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में चल रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगदड़ के बाद अखाड़ों द्वारा मौनी अमावस्या का अमृत स्नान किए जाने के बारे में लखनऊ में कहा, ''अखाड़ा परिषद से जुड़े हुए पदाधिकारियों के साथ मैंने खुद भी बातचीत की है। आचार्य, महामंडलेश्वरों और पूज्य संतों के साथ भी बातचीत हुई है और उन्होंने बड़ी ही विनम्रता के साथ कहा है कि श्रद्धालु जन पहले स्नान करेंगे और फिर जब उनका दबाव कुछ कम होगा और वे सकुशल वहां से निकल जाएंगे तब हम लोग स्नान करने के लिए संगम की तरफ जाएंगे।''
मेलाधिकारी की ओएसडी आकांक्षा राणा ने पत्रकारों को बताया था, “संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति बन गई जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं और उनका अभी इलाज चल रहा है। किसी की भी हालत गंभीर नहीं है।” घायलों को मेला क्षेत्र में स्थापित अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां कई घायलों के रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं। मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को दोपहर दो बजे तक 10 लाख कल्पवासियों समेत पांच करोड़ से अधिक लोगों ने मौनी अमावस्या पर गंगा और संगम में डुबकी लगाई है।