मध्य प्रदेश: चौथी बार CM पद की शपथ लेकर शिवराज सिंह चौहान ने रचा इतिहास, जानें इसके बारे में सबकुछ

By स्वाति सिंह | Published: March 23, 2020 09:10 PM2020-03-23T21:10:04+5:302020-03-23T21:10:04+5:30

कोरोना वायरस के खबरों के बीच मध्‍यप्रदेश की सियासत से बड़ी खबर है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री तौर पर शपथ ली। यहां पढ़ें उनकी पूरी प्रोफाइल

Madhya Pradesh: Shivraj Singh Chauhan profile, Shivraj Singh Chauhan fourth time taking the oath of CM | मध्य प्रदेश: चौथी बार CM पद की शपथ लेकर शिवराज सिंह चौहान ने रचा इतिहास, जानें इसके बारे में सबकुछ

शिवराज सिंह को पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के 1990 में बुधनी सीट से चुना गया था ।

Highlightsबीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान से चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। मालूम हो कि शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं।

मध्य-प्रदेश में लगातार कई दिनों से चल रहा सियासी घमासान के बाद आखिरकार पूर्णविराम लगता नजर आरहा है। सोमवार को बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान से चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद सीएम पद की दौड़ में शिवराज ही सबसे मजबूत दावेदार थे। मालूम हो कि शिवराज सिंह 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल सीएम रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने तीन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पहली बार 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने। 8 दिसंबर 2013 को शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।

शिवराज सिंह चौहान का जीवन परिचय 

शिवराज सिंह चौहान किराड़ राजपूत परिवार से हैं। उनका जन्‍म 5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में एक किसान परिवार में हुआ में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और उनकी मां का नाम सुंदर बाई चौहान है। 1992 में उनका विवाह साधना सिंह से हुआ था और वे दो बेटों- कार्तिकेय सिंह चौहान और कुणाल सिंह चौहान के पिता हैं।

शिवराज भोपाल के बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी से एमए में दर्शनशास्त्र से गोल्ड मेडलिस्ट हैं। छात्र जीवन से ही शिवराज सिंह राजनीति से जुड़े। पढ़ाई के दौरान ही 1975 में उन्हें मॉडल स्कूल स्टूडेंट यूनियन का अध्यक्ष चुना गया था। इसके बाद साल 1975-76 में इमरजेंसी के खिलाफ उन्होंने अंडग्राउंड आंदोलन में हिस्सा लिया। आपातकाल के दौरान वह जेल भी गए थे। शिवराज साल 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। इसके साथ ही वह काफी लंबे समय तक पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से भी जुड़े रहे। 

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर

शिवराज सिंह को पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के 1990 में बुधनी सीट से चुना गया था जबकि साल 1991 में पहली बार विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद बनें। इसके बाद वह चार बार लोकसभा के लिए चुने गए और शिवराज लोकसभा और संसद की कई समितियों में भी रहे। इसके बाद चौहान 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रहे। दिसंबर, 2003 में बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में सफलता पाई थी और उस समय उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वे राघौगढ़ विधानसभा चुनाव क्षेत्र से चुनाव हार गए थे। 

साल 2005 में शिवराज सिंह को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चुना गया था और बाबूलाल गौर की जगह राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। 2008 के विधानसभा चुनाव में फिर शिवराज जीते। इस चुनाव में बीजेपी को लगातार बहुमत मिली और वे दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 को प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2013 के विधानसभा चुनाव में वे दो सीटों से चुनाव लड़े और जीते भी। इस तरह वे तीसरी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
 

Web Title: Madhya Pradesh: Shivraj Singh Chauhan profile, Shivraj Singh Chauhan fourth time taking the oath of CM

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