LS polls 2024: निर्वाचन आयोग दिलीप घोष और सुप्रिया श्रीनेत से नाखुश है। निर्वाचन आयोग ने महिलाओं की गरिमा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने के लिए भाजपा के दिलीप घोष, कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत के प्रति नाराजगी जताई है। राजनीतिक दलों के प्रमुखों को किसी भी अपमानजनक टिप्पणी के लिए अपने नेताओं के आचरण पर नजर रखनी चाहिए और उन्हें संवेदनशील बनाना चाहिए। निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए घोष और श्रीनेत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। रनौत को भाजपा ने आम चुनाव के लिए हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। निर्वाचन आयोग ने घोष और श्रीनेत की टिप्पणियों को ‘‘अशोभनीय और गलत’’ बताया।
आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया, दोनों टिप्पणियां आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) और चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखने की सलाह का उल्लंघन हैं। निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। घोष और श्रीनेत को 29 मार्च की शाम तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने को कहा गया था।
निर्वाचन आयोग ने भाजपा की एक शिकायत के बाद श्रीनेत के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर ‘‘अशोभनीय टिप्पणियों’’ के साथ रनौत की एक तस्वीर पोस्ट की थी। निर्वाचन आयोग के नोटिस के अनुसार सुप्रिया ने पोस्ट किया था, ‘‘मंडी में क्या भाव चल रहा है, कोई बताएगा?’’
पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता घोष को नोटिस तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा आयोग का रुख करने के बाद जारी किया गया। आयोग के नोटिस के मुताबिक घोष ने कहा था, ‘‘जब दीदी गोवा जाती हैं, तो वह गोवा की बेटी बन जाती हैं, त्रिपुरा में वह कहती हैं कि मैं त्रिपुरा की बेटी हूं, तय करें कि आपके पिता कौन हैं। स्पष्ट करें...’’