नई दिल्ली, 18 अप्रैल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन दौरे पर है। वहां इंग्लैंड के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में बुधवार को पीएम मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। इस इवेंट का नाम 'भारत की बात, सबके साथ' है। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि समय की मांग है कि विकास को जनांदोलन बनाया जाए।
पीएम मोदी ने कहा 'गरीबी सिर्फ नारे से नहीं मिटती है, मैंने तय किया है कि 4 करोड़ परिवारों तक बिजली पहुंचाऊंगा, और मुझे ये करना है। पीएम मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा 'भारत जानता है कि आतंक के निर्यात का उद्योग चलाने वालों और भारतीयों को मारने वालों को कैसे सबक सिखाया जाता है।
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में लोग ईश्वर के बराबर हैं, और यदि वह चाहें तो एक चाय बेचने वाले को भी उनका प्रतिनिधि बन सकता है और वह रॉयल पैलेस में हाथ मिल सकता है। पाकिस्तान पर निशाना साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्ष 2016 में नियंत्रण रेखा के पार अंजाम दिए गए सर्जिकल हमलों का जिक्र किया और कहा कि भारत आतंकवाद का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा और 'करारा जवाब' देगा।
स्थानीय सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर में 'भारत की बात , सबके साथ' कार्यक्रम के दौरान मोदी ने कहा कि जब 'किसी ने आतंक के निर्यात की फैक्ट्री लगा ली हो और हम पर पीछे से हमले की कोशिशें करता हो तो मोदी उसी भाषा में जवाब देना जानता है।' दर्शक दीर्घा में बैठे एक शख्स ने जब सर्जिकल हमलों पर सवाल किया तो मोदी ने जवाब में कहा , 'जिन्हें आतंक का निर्यात पसंद है , मैं उनसे कहना चाहता हूं कि भारत बदल गया है और उनके पुराने तौर - तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा , 'हम शांति में यकीन रखते हैं। लेकिन हम आतंक का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम उन्हें करारा जवाब देंगे और उसी भाषा में देंगे जिसे वे समझते हैं। आतंकवाद कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।'
पीएम मोदी ने कहा 'मोदी इतिहास में अपनी जगह बनाने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मुझे सवा सौ करोड़ भारतीयों की तरह ही याद रखा जाए। अन्य लोगों की तरह मुझे भी काम मिला है। मकसद है तो मेरा देश अजर अमर है। दुनिया याद करे तो मेरे देश को याद रखें। मेरा देश ही दुनिया को विश्व कल्याण का रास्ता दिखा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्हें सेना पर गर्व है , क्योंकि उन्होंने सटीकता के साथ सर्जिकल हमलों को अंजाम दिया और सुबह होने से पहले ही अपना काम पूरा कर वह लौट आई। मोदी ने बताया कि कैसे भारत ने हमलों के बारे में पहले पाकिस्तान को सूचित किया और फिर मीडिया एवं लोगों को बताया।
उन्होंने कहा , 'मैंने कहा कि जब भारत को पता चले उससे पहले ही हमें पाकिस्तान को कॉल करके बता देना चाहिए। हम उन्हें सुबह 11 बजे से ही फोन कर रहे थे लेकिन वे फोन पर आने से भी डरे हुए थे। 12 बजे हमने उनसे बात की और तब भारतीय मीडिया को बताया।' भारत के इतिहास का जिक्र कर मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत किसी के भू - भाग पर कब्जा करने के बारे में नहीं सोचता। मोदी ने कहा , 'पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हमारा कोई लेना - देना नहीं था , लेकिन हमारे सैनिकों ने युद्ध में हिस्सा लिया। ये बड़े त्याग थे।
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा बलों में हमारी भूमिका को देखिए।' यह पूछे जाने पर कि सेना की वीरता पर सवाल उठाने वाले कुछ लोगों के बारे में वह क्या सोचते हैं , इस पर मोदी ने कहा कि वह इस मंच का इस्तेमाल किसी की आलोचना के लिए नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा , 'मैं बस उम्मीद करता हूं कि ईश्वर उन्हें सद्बुद्धि दे।' इस पर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने खूब ठहाके लगाए। भारतीय थलसेना ने 28-29 सितंबर 2016 की दरम्यानी रात एलओसी के पार जाकर चार आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल हमला किया था जिसमें करीब 20 आतंकवादी मारे गए थे।
पीएम मोदी ने कठुआ पर कहा 'जब किसी छोटी बालिका पर बलात्कार होता है, ये कितनी दर्दनाक घटना है। लेकिन हम ये कहेंगे कि तुम्हारी सरकार में इतने होते थे, मेरी सरकार में इतने होते हैं। बलात्कार बलत्कार होता है, एक बेटी के साथ यह अत्याचार कैसे सहन कर सकते हैं'
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा, 'आज दुनिया भारत का लोहा मानने लगी है। आज भारत की हर जगह चर्चा हो रही है। मैंने शुरुआत में ही कहा था कि न हम आंख झुकाकर बात करेंगे। न हम आंख उठाकर करेंगे। हम आंख मिलाकर बात करेंगे। मानवता के काम भारत कभी पीछे नहीं रहा। उन्होंने आगे कहा 'रोहिंग्या शर्णाथियों तक भारत ने मदद पहुंचाई। हर इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म में भारत एजेंडा सेट करता है। भारत दुनिया में नए सिरे से अपनी अहमियत बना रहा है।'
बता दें कि भारत और ब्रिटेन ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है। दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद को किसी एक धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच 'सार्थक चर्चा' के बाद दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने का संकल्प लिया है।
(भाषा इनपुट के साथ)