कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे देने को लेकर कई ख़बरें आ रही है। मंगलवार को राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट राहुल गांधी से मिलने उनके आवास पहुंचे हैं। इससे पहले प्रियंका गांधी और रणदीप सुरजेवाला भी राहुल से मिलने पहुंचे हैं। खबरों की मानें तो राहुल गांधी अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हो रहे, वह अपने फैसले पर अड़े हैं।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर नाराजगी जताए जाने के बाद प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों ने मांग की है कि इस चुनावी शिकस्त के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने बेटों को महत्व दिया और उन्हीं को जिताने में लगे रहे।
दरअसल, गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत चुनाव लड़े थे, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। खबरों के मुताबिक गहलोत जोधपुर में अपने पुत्र के पक्ष में प्रचार के लिए कई दिनों तक डंटे रहे।
राज्य की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। अब राज्य सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव में जवाबदेही तय करने और कार्रवाई की मांग की है। राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सीडब्ल्यूसी ने संगठन में बदलाव के लिए राहुल गांधी को अधिकृत किया है और वह बदलाव करेंगे।
कुछ नेताओं द्वारा पार्टी से ज्यादा अपने बेटों को महत्व दिए जाने पर गांधी की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर खाचरियावास ने कहा, 'राहुल गांधी जी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। उनसे ऊपर कोई नहीं है और उन्होंने पूरा सोच-समझकर यह कहा होगा। कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता उनके शब्दों का सम्मान करते हैं। मुझे भी इस बारे में मीडिया के जरिए पता चला है।'
राजस्थान सरकार के एक और मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने भी कहा कि पार्टी की हार के लिए तत्काल जवाबदेही तय होनी चाहिए।
उधर, नयी दिल्ली में गहलोत ने कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की। इससे पहले राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि पार्टी को हार का विस्तृत आकलन करके राज्य में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव के लिये पार्टी को फिर से मजबूती के साथ तैयार करना चाहिए।
(भाषा इनपुट के साथ)