Lokmat Parliamentary Awards 2023: सर्वाधिक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों का पांचवां पुरस्कार समारोह आज दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। 'लोकमत' संसदीय पुरस्कार वितरण समारोह से पहले मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक 'लोकमत' नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। 'धर्म और जाति में उलझा लोकतंत्र' विषय पर विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी और दूसरे दलों में जाने वाले नेताओं पर अपनी बात रखी। सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा विपक्ष को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसियों के माध्यम से विपक्ष के नेताओं का चरित्र हनन किया जा रहा है। पायलट ने कहा कि जो भी बीजेपी के विरोध में आ गया उसकी शामत आनी तय है।
उन्होंने कहा कि जो भाजपा के साथ चला गया वह उसी दिन से पाक-साफ हो जाता है। भाजपा में जाने वाले अपने साथियों के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि किसी की मजबूरी हो सकती है, किसी का मन बदल गया होगा। ईडी की कार्रवाई पर कहा कि एजेंसी के आंकड़े कहते हैं कि 95 प्रतिशत मामले विपक्ष के नेताओं दर्ज किए जाते हैं। मोदी सरकार पर हमलावर रुख अपनाते पायलट ने कहा कि 10 साल में मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया। करप्शन पर भाजपा क्या कर रही है, किसी भी चीज की जांच नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर पास नौकरी और महंगाई पर कोई जवाब नहीं है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार पर पायलट ने कहा कि 25 मंत्री में से 18 हारे, कांग्रेस को टिकट काटना चाहिए था। हम लोग जनता के मुद्दे को सही से उठा नहीं सके। परीक्षा पेपर लीक बड़ा मुद्दा रहा। कई मुद्दों को सही से जनता के सामने नहीं रखा गया। पायलट ने कहा कि भारत एक धार्मिक देश है लेकिन राम मंदिर आड़ में राजनीति हो रही है।
बता दें कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष, सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, दिल्ली की शिक्षा, लोकनिर्माण और बिजली मंत्री आतिशी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी वक्ताओं में शामिल हैं।
बता दें कि पुरस्कार वितरण समारोह मंगलवार, 6 फरवरी को नई दिल्ली में जनपथ रोड पर स्थित डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न होने जा रहा है। इसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डॉ. फारूक अब्दुल्ला, डॉ. सुभाष कश्यप, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले मौजूद रहेंगे।
लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड समिति के अध्यक्ष एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव एवं संविधान विशेषज्ञ डॉ. सुभाष कश्यप की अध्यक्षता वाली जूरी ने संसदीय पुरस्कारों के लिए राज्यसभा और लोकसभा से चार-चार सांसदों का चयन किया। इस जूरी में लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डॉ. विजय दर्डा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, सांसद भवतृहरि महताब, सांसद सी. आर. पाटिल, सांसद एन. के. प्रेमचंद्रन, सांसद तिरुचि शिवा, सांसद डॉ. रजनी पाटिल, एबीपी न्यूज के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव खांडेकर और लोकमत समूह के राष्ट्रीय संपादक हरीश गुप्ता शामिल थे।
पिछले विजेता
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, स्व. मुलायम सिंह यादव, गुलामनबी आजाद, भातृहरि महताब, सौगत राय, स्व. शरद यादव, सीताराम येचुरी, जया बच्चन, तिरुचि शिवा, निशिकांत दुबे, सुप्रिया सुले, हेमामालिनी, भारती पवार, सुष्मिता देव, मीनाक्षी लेखी, डॉ. रजनी पाटिल, डेरेक ओ’ब्रायन, वंदना चव्हाण, मनोज झा, असदुद्दीन ओवैसी, तेजस्वी सूर्या, लॉकेट चटर्जी, एन. के. प्रेमचंद्रन, रमा देवी, कनिमोली, छाया वर्मा, विप्लव ठाकुर, कहकशा परवीन को ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।